Priya Dutt in We Women Want Conclave: वी वीमेन वांट के कॉन्क्लेव में कांग्रेस नेता, पूर्व सांसद और नरगिस दत्त फाउंडेशन की ट्रस्टी प्रिया दत्त ने वरिष्ठ पत्रकार प्रिया सहगल के साथ चर्चा की। प्रिया दत्त ने कहा कि मेरी ज़िन्दगी का एक प्लान है की कोई प्लान नहीं है। उन्होंने बताया कि मैंने अपना पहला चुनाव तब लड़ा था जब मैं आठ महीने की गर्भवती थी मैंने अपना नॉमिनेशन फाइल किया और अस्पताल चली गई।
- संसद में सिर्फ एक महिला टॉयलेट
- पहला चुनाव पिता ने जिताया
- अब मैं राजनीति में नहीं
तब डॉक्टर ने कहा था कि आप चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी लेकिन मैंने किया। मुझे पता नहीं की मैंने कैसे किया लेकिन मैंने किया। जब आप राजनीती में होते है और प्रचार में होते है तो सबसे बड़ी दिक्कत टॉयलेट की होती है। यहाँ तक की संसद में भी महिलाओं के लिए सिर्फ एक टॉयलेट है, पुरुषों के लिए कई टॉयलेट है पर महिलाओं के लिए सिर्फ एक टॉयलेट है।
पहला चुनाव पिता ने जिताया
यह सब भी महिलाओं को राजनीती में आने से रोकता है। उन्होंने यह भी कहा की मुझे बहुत आसानी से टिकट मिल गया था, यह मेरे पिता का इलेक्शन था मैं उनकी वजह से ही चुनाव जीती थी लेकिन जब मैंने दूसरी बार चुनाव जीता तो वह मेरे काम और नाम की जीती थी। भविष्य में राजनीती के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं एक अलग तरफ की नेता हूँ, मैं बहुत महत्वाकाँक्षी नेता नहीं हूँ। मैं दिल्ली शिफ्ट नहीं होने चाहती थी।
राजनीती पुरुष प्रधान
प्रिया दत्त ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के काम करने में बहुत अंतर है। मुझे लगता है कि राजनीती पुरुष प्रधान है। संसद में मुझे कभी ऐसा नहीं लगा की मैं वो काम नहीं कर सकती जो पुरुष कर सकते है। मेरे पिता ने हमेशा कहा कि जो मन करें वो करो। उन्होंने यह भी कहा कि वह अब राजनीती से बाहर आ चुकी है। अपने फाउंडेशन के बारे में उन्होंने कहा कि यह शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करता है।
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