इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, Process to declare ‘Ram Setu’ national heritage monument underway): केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ‘राम सेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय में चल रही है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें ‘राम सेतु’ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र द्वारा लिये गये फैसले के बारे में मंत्रालय अदालत को सूचित करेगा।

शीर्ष अदालत का यह आदेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा पीठ को बताए जाने के बाद आया कि अभी संस्कृति मंत्रालय में प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि यदि स्वामी चाहें तो अतिरिक्त संचार प्रस्तुत कर सकते हैं।

छह सप्ताह का दिया समय

जब सीजेआई ने कहा, “स्वामी संबंधित व्यक्ति से मिल सकते हैं, सरकार को चार सप्ताह या छह सप्ताह में फैसला करने दें।” इसके बाद पीठ ने याचिका का निपटारा किया और स्वामी को मंत्रालय के फैसले से असंतुष्ट होने पर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी। स्वामी ने पहले कहा था कि मामला आठ साल से लंबित है लेकिन सरकार याचिका का जवाब नहीं दे पाई है।

अपनी याचिका में, स्वामी ने शीर्ष अदालत से एक आदेश पारित करने और भारत सरकार और राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) को राम सेतु को राष्ट्रीय महत्व का एक प्राचीन स्मारक घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया था।

राम सेतु तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से दूर पंबन द्वीप, जिसे रामेश्वरम द्वीप के रूप में भी जाना जाता है और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर मन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर की एक श्रृंखला है। मान्यता है की इसका निर्माण भगवान राम और उनकी वानर सेना द्वारा श्रीलंका जाने के लिए करवाया था।