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गर्मी की छुट्टियों के लिए रेलवे ने किया खास इंतजाम, 380 समर स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : May 19, 2023, 6:21 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़) : indian Railways : इस वर्ष गर्मी के मौसम में रेलयात्रियों की सुविधा और यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को क्लियर करने के लिए भारतीय रेलवे 380 विशेष ट्रेनों के 6369 फेरे चला जा रहा है। 2022 में चलाई गई कुल समर स्पेशल ट्रेनों (348 ट्रेनों के 4599 फेरे) की तुलना में इस साल भारतीय रेलवे 1770 मोर ट्रिप चला रहा है। चालू वर्ष। जुड़े हुए प्रमुख गंतव्य पटना-सिकंदराबाद, पटना-यशवंतपुर, बरौनी-मुजफ्फरपुर, दिल्ली-पटना, नई दिल्ली-कटरा, चंडीगढ़-गोरखपुर, आनंद विहार-पटना, विशाखापत्तनम-पुरी-हावड़ा, मुंबई-पटना, मुंबई-गोरखपुर हैं। मालूम हो, 6369 फेरों वाली इन 380 विशेष ट्रेनों में 25794 सामान्य डिब्बे और 55243 शयनयान डिब्बे हैं। सामान्य कोच में 100 यात्रियों की क्षमता होती है जबकि स्लीपर कोच में आईसीएफ में 72 और एलएचबी में 78 यात्रियों की क्षमता होती है।

गर्मी की छुट्टियों के लिए रेलवे ने किया खास इंतजाम

बता दें, गर्मियों की भीड़ को पूरा करने के लिए देश भर में फैले सभी जोनल रेलवे ने विशेष फेरे चलाने की तैयारी कर ली है। इन विशेष ट्रेनों के माध्यम से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे विभिन्न राज्यों से कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्य रूप से कर्नाटक क्षेत्र के लिए दक्षिण पश्चिम रेलवे पिछले साल 779 फेरे की तुलना में इस गर्मी के मौसम में अधिकतम 1790 फेरे चला रहा है, जबकि पश्चिम रेलवे मुख्य रूप से गुजरात राज्य के लिए कैटरिंग कर रहा है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा 784 फेरे चलाए जा रहे हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 80 फेरे अधिक हैं। देश के उत्तरी हिस्से में भारी भीड़ से निपटने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे 400 फेरे, पूर्व मध्य रेलवे 380 फेरे चला रहा है। उत्तर रेलवे ने भी इस साल 324 फेरे चलाने की योजना बनाई है।

रेलवे की है टिकट को लेकर किसी भी कदाचार पर नजर

बता दें, विशेष ट्रेनों की योजना बनाना और चलाना एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए मीडिया रिपोर्ट्स, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, रेलवे इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 139 जैसे सभी संचार माध्यमों से 24×7 इनपुट लिए जाते हैं, इसके अलावा ट्रेनों की मांग का आकलन करने के लिए पीआरएस सिस्टम में यात्रियों की प्रतीक्षा सूची का विवरण भी लिया जाता है। एक विशेष मार्ग पर। इस जरूरत के आधार पर ट्रेनों की संख्या और फेरों की संख्या बढ़ाई जाती है। कमर्शियल और आरपीएफ स्टाफ की टीम द्वारा किसी भी तरह की कदाचार – जैसे सीटों पर कब्जा करना, अधिक चार्ज करना और दलाली आदि पर नजर रखी जा रही है।

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