इंडिया न्यूज। Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा चुनाव 10 जून को हैं। ऐसे में सबसे संकट में कांग्रेस है। हरियाणा, राजस्थान, कनार्टक और महाराष्ट्र में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर है। यही कारण है कि इन दिनों कांग्रेसी नेताओं की सांसें ऊपर नीचे हो रही हैं। आलम ये है कि राजस्थान में कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी हाॅर्स ट्रेडिंग के डर से अपने विधायकों की बाड़ाबंदी कर दी है। विधायकों का बाहरी दुनिया से संपर्क टूट गया है।
देशभर में 57 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव के लिए 10 जून को होंगे। विधायक अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी को वोट करें इसके लिए कसरत जारी है। ऐसे में हरियाणा से निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिक शर्मा ने कांग्रेस के पसीने छुटा रखे हैं। कार्तिक शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के छोटे बेटे हैं और राजनीति में उनकी अच्छी खासी दखल है।
हरियाणा में भाजपा निश्चिंत है। भाजपा अपने प्रत्याशी पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार को आसानी से राज्यसभा में दाखिल करवा देगी। वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिक शर्मा को समर्थन दिया है। साथ ही जेजेपी ने भी अपना समर्थन दिया है। ऐसे में कार्तिक शर्मा के पास बहुमत आ सकता है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की सांसें अटकी हुई हैं। माकन हरियाणा से राज्यसभा के लिए चुने जाएं इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। कांग्रेस के विधायक क्रॉस वोटिंग न कर सकें इसलिए उन्हें छत्तीसगढ़ भेज दिया गया है।
कार्तिक शर्मा निर्दलीय प्रत्याशी हैं। उन्हें भाजपा और जेजेपी के साथ निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। कार्तिक की दावेदारी के बाद से कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन के साथ साथ पूर्व सीएम हुडा की नींद हराम हो चुकी है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अजय माकन को कांग्रेस पार्टी के विधायक ही समर्थन नहीं दे रहे हैं। ऐसे में कार्तिक शर्मा का जीतना निश्चित है।
राज्यसभा चुनाव में सिर्फ तीन दिन शेष हैं। वहीं राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चार सीटों पर पेंच फंस गया है। यहां पार्टियों को विधायकों की खरीद फरोख्त का डर सता रहा है। विधायक अपने प्रत्याशी को ही वोट करें इसके लिए उन्हें होटलों में नजरबंद करके रखा गया है।
राजस्थान में अशोक गहलोत की अग्नि परीक्षा है। वहां राज्य में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में उन्होंने पूरा दमखम लगा रखा है। विधायक उनसे बाहर न जाएं इसलिए उदयपुर के एक रिसॉर्ट में कांग्रेसी और अन्य विधायकों को पहरे में रखा गया है। वहीं रिसॉर्ट में कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी मौजूद हैं।
राजस्थान में कांग्रेस के 108 विधायक हैं। यहां कांग्रेस दो सीट आसानी से जीत सकती है। वहीं दो सीट जीतने के बावजूद कांग्रेस के पास 26 वोट और बचेंगे। साथ ही अगर कांग्रेस को तीसरी सीट भी जीतनी है तो उसे कुल 41 वोट चाहिए होंगे। यानी 15 वोट का जुगाड़ अशोक गहलोत को करना होगा। दूसरी तरह सीएम गहलोत का कहना है कि उनके पास 126 विधायकों का समर्थन है।
राजस्थान में भाजपा के पास 71 विधायक हैं। ऐसे में भाजपा एक सीट आसानी से जीत सकती है। इसके बाद 30 वोट और बचेंगे। सुभाष चंद्रा को जिताने के लिए 8 वोट की जरूरत होगी। इसके लिए आरएलपी के विधायकों का सहारा लिया जा सकता है।
कांग्रेस की तरफ से रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी प्रत्याशी हैं। वहीं भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाया है। इसके साथ ही राजस्थान भाजपा ने निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया है। सुभाष चंद्रा इससे पहले हरियाणा से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। पिछली दफा वे क्रॉस वोटिंग से जीते थे।
राजस्थान भाजपा को भी कहीं न कहीं डर सता रहा है कि उनके विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग न हो जाए। शिविर के बहाने ही सही पर भाजपा ने भी अपने विधायकों को नजरबंद कर लिया है। कई विधायकों को जयपुर आगरा हाईवे स्थित एक होटल में रोका गया है। भाजपा के अनुसार करीब 60 विधायकों को शिविर में पार्टी की अन्य नीतियों से अवगत करवाया जा रहा है।
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में मोर्चा संभाला हुआ है। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना और समर्थित विधायकों से चर्चा की और उन्हें एकजुट बने रहने की बात कही। वहीं शिवसेना ने आरोप लगाया है कि भाजपा हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश कर रही है। बात जो भी हो उद्धव ठाकरे की भी सांसें अटकी हुई हैं कहीं उनकी मांद में कोई छेद न कर दे।
महाराष्ट्र में 6वीं सीट पर निर्दलिय अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। बता दें कि यहां महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने 04 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने तीन उम्मीदवारों को उतारा है।
यहां एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 42 विधायकों की जरूरत होगी। बता दें कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं। महाविकास अघाड़ी के पास 168 विधायक हैं। अघाड़ी की बात करें तो इसमें शिवसेना के 55, एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44 और अन्य पार्टियों के 8 व 8 निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में भाजपा के 106 विधायक हैं। इसके साथ ही भाजपा को 7 अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त है। भाजपा प्रत्याशी पीयूष गोयल और अनिल बोंडे आसानी से राज्यसभा में पहुंच जाएंगे। वहीं तीसरे प्रत्याशी धनंजय महादिक के पास 29 वोट और जीतने के लिए 13 वोट और चाहिए होंगे।
यहां पर कुल 04 सीटों के लिए चुनाव होना है। कर्नाटक में गेम तब बदला जब कांग्रेस ने मंसूर अली को प्रत्याशी घोषित किया। मंसूर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हैं। इससे पहले यह माना जा रहा था कि आसानी से चारों प्रत्याशी चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन मंसूर ने सभी के लिए संकट पैदा कर दिया है।
कर्नाटक विधानसभा में 224 सीट हैं। यहां राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एक प्रत्याशी को 45 विधायकों का वोट चाहिए। कांग्रेस के बात करें तो उसके पास 70 विधायक हैं। कांग्रेस ने जयराम रमेश को प्रत्याशी बनाया है। वहीं मंसूर को जीतने के लिए 20 और विधायकों के वोट चाहिए होंगे।
कर्नाटक में भाजपा के पास 121 विधायक हैं। यहां भाजपा ने निर्मला सीतारमण, अभिनेता जग्गेश और लहर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा को लहर सिंह को जीतवाने के लिए 14 वोट और चाहिए होंगे। इसके साथ ही कर्नाटक में जेडीएस ने डी कुपेंद्र रेड्डी को प्रत्याशी बनाया है। कुपेंद्र को जीतने के लिए 13 और वोट चाहिए होंगे।
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