इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा ने कहा कि करनाल के सेक्टर 12 में आगामी 11 दिसंबर को भगवान परशुराम महाकुंभ होने जा रहा है। इस महाकुंभ में समस्त हरियाणा से बहुत बड़ी संख्या में लोग करनाल के राज्य स्तरीय सम्मेलन में भागीदारी करेंगे।
समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करेंगे और ब्राह्मण समाज के सांसद, मंत्री व विधायक भी शामिल होंगे। उन्होंने आह्वान किया कि इस राज्यस्तरीय महाकुंभ में बढ़चढ़ कर भाग लें और अपनी आवाज बुलंद करें। राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा गुरुवार को जींद पिल्लूखेड़ा मंडी में स्थित ब्राह्मण धर्मशलाा में ब्राह्मण सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
पगड़ी पहनाकर कार्तिक शर्मा का हुआ भव्य स्वागत
इस दौरान सांसद कार्तिक शर्मा ने राज्य स्तरीय सम्मेलन की सफलता के लिए मंथन किया और समाज के लोगों को जिम्मेदारी भी सौंपी। कार्यक्रम में पहुंचने पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा का भव्य स्वागत किया और समाज की तरफ से पगड़ी पहनाई। कार्तिक शर्मा ने कहा कि सीएम सिटी करनाल में 11 दिसंबर को आयोजित किए जाने वाले भगवान परशुराम महाकुंभ को लेकर ब्राह्मण समाज के साथ-साथ हर वर्ग के लोगों में उत्साह बना हुआ है।
राज्य स्तरीय महाकुंभ रचेगा इतिहास
36 बिरादरी के लोग महाकुंभ में आएंगे। यह प्रदेश स्तरीय महाकुंभ इतिहास रचेगा और इसमें प्रदेशभर के कोने-कोने से 36 बिरादरी के लोग पहुंचेंगे। कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज सशक्त तरीके से अपने आपको पेश करे ताकि हमारी मांगों को माना जाए, जोकि वाजिब हैं। इस महाकुंभ को लेकर युवाओं में खासा उत्साह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें अब यह सोचने की जरूरत है कि हम क्यों पिछड़े हैं। इस बात का इतिहास ग्वाह है कि जिन कौमों में एकता नहीं होती, वह पिछड़ जाती हैं। हमें एकजुट होकर अपनी बात रखनी है। उनके पिता जी विनोद शर्मा ने समाज व हरियाणा प्रदेशवासियों के लिए जो काम किया है, वो उसे और भी आगे ले जाने का काम करेंगे।
पिता के दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास
राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा ने कहा कि दुनिया व समय बदल रहा है। ऐसे में हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना है। उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने हमेशा समाज के हक की लडाई लड़ी। चाहे वो ईबीपीजी में हमें अपना हिस्सा दिलाने की बात रही हो, चाहे वो साक्षात्कार सिस्टम खत्म करने की बात रही हो, नौकरियों में पारदर्शिता लाने की बात हो, उनके पिता ने युवाओं की लड़ाई लड़ी। आज वो अपने पिता के दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। वो युवाओं की व समाज की समस्याओं से भलीभांति अवगत हैं।