इंडिया न्यूज़: (Bhola Review) अजय देवगन की फिल्म भोला आज यानी की 30 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई है। फिल्म के अंदर शिव भक्ति को दिखाया गया है और यह बात किसी से भी नहीं छुपी है की अजय देवगन एक बहुत बड़े शिव भक्ति है। फिल्म भोला से पहले उन्होंने शिवाय में भी अपनी शिव भक्ति को दिखाया हैं। ऐसे में आज फिल्म रिलीज हो गई है। तो लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर फिल्म में ऐसा क्या है। जिससे इसे देखा जा सके। तो यह जानने के लिए आप उसका रिव्यू पढ़ें….

फिल्म की कहानी

इस फिल्म की कहानी में भोला यानी कि अजय देवगन को 10 साल बाद जेल से रिहाई मिलती है। जेल में रहने के दौरान ही भोला को यह पता चलता है कि उसकी एक बेटी है, जो लखनऊ के अनाथ आश्रम में रह रही है और जेल से निकलने के बाद भोला अपनी बेटी से मिलना चाहता है। वहीं दूसरी ओर एसपी डायना जोसफ यानी कि तब्बू एक बड़े गिरोह माफिया के ड्रग्स तस्कर का माल पकड़ लेती है और बरामद माल को पुलिस थाने के खुफिया इलाके में छुपा देती है। दूसरी तरफ माल को दोबारा वापस लाने और डायना को मारने के लिए अस्वाथामा यानी कि दीपक डोबरियाल कोई पुलिस इंस्पेक्टर यानी कि गजराज राव की ओर से टिप मिलती है। इस तरह से अस्वाथामा पार्टी के अंदर घुसकर पुलिस फौजियों की ड्रिंक में कुछ मिला देता है। जिससे वह धीरे-धीरे करके बेहोश हो जाते हैं और उनकी जान पर खतरा मंडराने लगता है। इस पर एसपी डायना को पुलिस वालों को अस्पताल पहुंचाना है और बरामद की माल को भी पहुंचाना है। इस सफर में भोला उनके साथ कैसे जुड़ता है? पकड़े गए माल का क्या होता है? और क्या वह पुलिस ऑफिसर को बचा पाते हैं? अस्वाथामा अपना बदला कैसे लेता है? इन सारे सवालों के जवाब के लिए अपने नजदीकी सिनमां घरों में जाकर इस फिल्म का मजा ले सकते हैं।

फिल्म का डायरेक्शन

फिल्म के डायरेक्शन की बात करें तो एक्टिंग के साथ-साथ डायरेक्शन की जिम्मेदारी भी फिल्म के अंदर बहुत अहम होती है और इस जिम्मेदारी को अजय देवगन ने निभाया है। जी हां अजय देवगन ने एक्टिंग के साथ-साथ फिल्म में डायरेक्शन भी किया है। अजय देवगन ने साउथ की मशहूर फिल्म कैथी रीमिक्स को लोगों तक रेलिवेट तरिके से पहुंचाया हैं और इस बड़ी जिम्मेदारी को निभाया भी हैं। आपको फिल्म में एंटरटेनमेंट का वह हर डोज मिलेगा। जो आप एक फिल्म में चाहते हैं और अजय देवगन ने इसके ऊपर बखूबी काम किया है लेकिन फिल्म में अजय द्वारा की गई चूक भी नजर आती है। फिल्म इमोशनल मैसेज से हटकर पूरी तरीके से एक्शन ड्रामा बन चुकी है। फिल्म में एक्शन सीक्वेंस इतना ज्यादा भरा हुआ है की इसका इमोशनल पार्ट दर्शकों तक पहुंच ही नहीं पाता। एक अकेले भोला का 100 से ज्यादा गुंडों से लड़ना इलॉजिकल लगता है लेकिन अगर यही चीज साउथ की फिल्मों में होती तो सिनमां घर में सीटी और तालियों की भरमार हो जाती लेकिन बॉलीवुड फिल्मों के लिए लोगों का नजरिया कुछ अलग है। वही बात करें तो फिल्म के पहले हाफ में फिल्म के अंदर गाड़ी, ट्रक, बाइक उड़ते हुए देखा जा सकता है। वही दूसरे हाफ में कुछ भाग में इमोशनल पार्ट देखता है पर फिर इसमें भी एक्शन कि भरमार हो जाती हैं। उसके साथ ही एक रात की कहानी को एक गाने में समेटने पर बहुत ध्यान रखा गया है। इन सबके बावजूद पूरी फिल्म एक थोड़ी खलती है। वह भोला के किरदार का फिल्म के अंदर बखुबी ना दिखना है आखिर में फिल्म को टू बी कंटिन्यू के मैसेज के साथ खत्म किया जाता है और लोगों के अंदर इस कंफ्यूजन को पैदा किया जाता है कि अगला पार्ट सीक्वल होने वाला है या फिर प्रीक्वल। वही आखिर में एक स्टार की एंट्री के साथ इस फिल्म को खत्म किया जाता है और हम स्टार का नाम बता कर आपका मजा किरकिरा नहीं करेंगे।

फिल्म का पॉजिटिव और नेगेटिव पहलू

फिल्म के अंदर सिनेमैटोग्राफी का काम बखूबी निभाया गया है। जो असीम बजाज ने निभाया है। जिस खूबसूरती के साथ उन्होंने एक रात की कहानी को दर्शाया है। वह काबिले तारिफ है। खास करके गंगा आरती के वक्त पूरे बनारस को ड्रोन शॉट से दिखाना और ट्रक के अंदर एक्शन सीक्वेंस को फ्रेम दर फ्रेम दर्शकों के सामने प्रस्तुत करना काबिले तारीफ हैं।
इसके साथ ही फिल्म के अंदर का बैकग्राउंड म्यूजिक इसका एक नेगेटिव पॉइंट है क्योंकि फिल्म में कई जगह ऐसी है। जहां पर बैकग्राउंड म्यूजिक को इतना बढ़ा दिया गया है कि डायलॉग्स को सुनने में परेशानी होती है बावजूद इसके की फिल्म को एक बार पहले भी बैकग्राउंड म्यूजिक के चलते दोबारा एडिट करना पड़ा था।

फिल्म में एक्टर्स की एक्टिंग

कहा जाता है की फिल्म में अगर एक्टर अपना काम बखूबी जानता हो तो डायरेक्शन का काम आधा हो जाता है। इस फिल्म में बेहतरीन एक्ट्रेस की एक सूची है। जिसमें तब्बू, संजय मिश्रा, दीपक डोबरियाल, विनीत कुमार, राज किरण जैसे दिग्गज अभिनेता शामिल है। जिन्होंने अपने अभिनय से फिल्म में तड़का लगाए हैं। उनके अभिनय पर कोई उंगली नहीं उठाई जा सकती लेकिन अजय देवगन की फिल्म में बात की जाए तो अजय देवगन फिल्म में एक्शन सींस के अंदर इतना धुस गए थे कि वह इमोशनल सींस में अपना 100% नहीं दे पाए।

फिल्म को देखे या नहीं

अगर आप अजय देवगन के फैन हैं तो आपके लिए यह फिल्म किसी तोहफे से कम नहीं है और अगर आप एक एक्शन लवर हैं। तो आपको यह फिल्म बेशक पसंद आएगी और अगर हम एक बड़े स्क्रील पर देखें तो इस फिल्म को एक मौका देना बुरा नहीं होगा।

 

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