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कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं के पीछे आखिर क्या है कारण, जानें

इंडिया न्यूज़ (जयपुर, Reason of incresing suicide in kota): देश में इंजीनियरिंग और मेडिकल की होने वाली प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का कोचिंग का हब माने जाने वाले राजस्थान के कोटा में 11-12 दिसंबर के दिन 12 घंटे के अंदर तीन छात्रों ने आत्म हत्या कर ली।

बिहार के गया के 18 वर्षीय उज्जवल कुमार, बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज के 16 वर्षीय अंकुश आनंद और मध्य प्रदेश के शिवपुरी के 17 वर्षीय प्रणव वर्मा ने 11-12 दिसंबर को अपने निजी छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। इस साल अब तक 14 छात्रों ने कोटा में आत्म हत्या कर ली है। तीनों छात्र एक बड़े कोचिंग संस्था ‘एलेन’ में पढ़ रहे थे।

पिछले कुछ सालों से छात्रों की आत्महत्या, डिप्रेशन जैसे शब्द कोटा में बार-बार सुनाई देते है। हर आत्महत्या के बाद यह सवाल पूछे जाते है की – आत्महत्याओं के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए? क्या कोटा में छात्र पढ़ाई के दबाव के कारण डिप्रेशन में रहते है? क्या तैयारी करने वाले छात्र अपने माता-पिता से झूठ बोलकर तैयारी की जगह कुछ और करने लगते है जैसा की कई लोगों द्वारा कहा और सुना जाता है। आइये इस रिपोर्ट में जानने की कोशिश करते है।

डिप्रेशन की बात आ रही है सामने

11 -12 दिसंबर की रात आत्म हत्या की घटना के बाद कोटा के एसपी केसर सिंह शेखावत ने अपने बयान में कहा था की, ‘छात्र परीक्षा के तनाव के चलते परेशान थे’।

लेकिन कोटा के डीएम ओपी बुनकर ने कहा की “छात्र आत्महत्या के कई कारण हैं, जिसमें तनाव, प्रेम संबंध और अन्य समस्याएं शामिल हैं।”

वही परिवार के लोगों ने इसके लिए निजी छात्रावासों को दोषी ठहराया और इसकी सीबीआई जांच की मांग की।

अच्छे घर से आते है छात्र

आत्महत्या करने वाले छात्र अच्छे घर से आते थे और पढाई में काफी अच्छे थे, मध्य प्रदेश की शिवपुरी के रहने वाले प्रणव वर्मा मात्र 17 साल के थे, वह स्कूल टॉपर थे और उन्होंने नीट की तैयारी की परीक्षाओं में लगातार अच्छा स्कोर किया था।

वही बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज के रहने वाले अंकुश आनंद ने अपना अधिकांश स्कूली जीवन बिहार के छात्रावासों में बिताया था और दो साल पहले कोटा गए थे जब वे नौवीं कक्षा में थे।

अक्टूबर में एक सड़क दुर्घटना में वे घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी बहन के साथ एक महीने से अधिक समय पुणे में बिताया था 10 दिन त्रिवेणीगंज में अपने माता-पिता के साथ भी रहे थे। वह 2 दिसंबर को ही कोटा के लिए रवाना हुए थे।

बिहार के गया के रहने वाले उज्जवल कुमार, 18 साल थे वही बेहद अध्ययनशील, शांत, रचित, चतुर और कोमल भाषी थे वह IIT JEE की तैयारी कर रहा था। उनके पिता सरकारी ठेकेदार है।

छात्र कोचिंग नही जा रहे थे

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह बच्चे पढ़ाई के दबाव में थे और डिप्रेशन में थे। यह बात सामने आई है की यह लोग कई दिनों से कोचिंग नही जा रहे थे।

हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बच्चे कितने दिनों से अपनी कोचिंग क्लास के लिए नहीं जा रहे थे, लेकिन उनके दोस्तों और हॉस्टल के अनुसार वह लगातार ऐसा कर रहे थे।

अंकुश और उज्जवल कृष्णा कुंज पीजी हॉस्टल में रहते थे। हॉस्टल के मालिक ने कहा की उन्हें इस बात की जानकारी नही है की छात्र कोचिंग नही जा रहे थे।

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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