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क्यों बढ़े दूध के दाम और क्या कारण बताया कंपनियों ने? जानें

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, Reasons of increasing price of milk): मदर डेयरी ने दिल्ली-एनसीआर में फुल क्रीम दूध और गाय के दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की, यह मूल्य वृद्धि 16 अक्टूबर से प्रभावी होगी। मदर डायरी ने फुल क्रीम और गाय के दूध इन दोनों प्रकारों के दामों में वृद्धि करने का फैसल किया है। इस बढ़ोतरी के साथ फुल क्रीम दूध की कीमत 61 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 63 रुपये प्रति लीटर हो गई है।

इससे पहले आज, अमूल सहकारी ने गुजरात को छोड़कर सभी राज्यों में फुल क्रीम दूध और भैंस के दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। मदर डायरी ने इस साल 17 अगस्त को भी दूध के दाम दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दो रुपये बढ़ा दिए थे।

क्या कारण बताया कंपनियों ने

मदर डेयरी के प्रवक्ता ने दूध के दाम बढ़ाने का कारण कच्चे माल की कीमतों में पिछले दो महीने से लगातार हो रहे उछाल को बताया। उन्होंने कहा कि “डेयरी उद्योग कच्चे दूध की कीमतों में लगातार वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जिसमें पिछले दो महीनों में लगभग 3 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है, विभिन्न इनपुट लागतों में भी कई गुना वृद्धि हुई है। कुछ उत्तरी क्षेत्रों में चारे की कीमतों में वृद्धि और कम वर्षा ने स्थिति को गंभीर बनाया है” इससे पहले अमूल ने दूध के दाम बढ़ाने का कारण बढ़ती इनपुट लागतों को बताया था।

क्या होता है इनपुट लागत

इनपुट लागत किसी उत्पाद या सेवा को बनाने में होने वाली लागतों का समूह है। वह सभी मूल्य इनपुट लागत हैं जो किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन में जाती हैं। इनपुट वह सब कुछ है जो अच्छा या सेवा बनाने में जाता है। इनपुट की कीमतों में भूमि या उत्पादों के उत्पादन के लिए किराए पर लेने या एक जगह के मालिक होने की लागत शामिल हो सकती है।

एक अच्छा बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल या आपूर्ति भी इनपुट हैं। वह श्रम जिसमें कर्मचारी शामिल हैं और उनकी सभी संबद्ध लागतें भी इनपुट हैं। इनपुट में वेयरहाउस या व्यवसाय को बनाए रखने, लाइसेंस शुल्क, और उत्पादन या सेवाओं को चलाने के लिए आवश्यक अन्य सामान से जुड़े सभी बिल भी शामिल हो सकते हैं।

लम्पी वायरस और बिना मौसम बारिश

लम्पी वायरस नाम बीमारी से संक्रमित पशुओ में हल्का बुखार हो जाता है। पूरे शरीर पर जगह-जगह नोड्यूल/ गांठे उभर आती है। इस बीमारी से ग्रसित पशुओं की मृत्यु दर अनुमान 1 से 5 प्रतिशत होता है। अब तक इस बीमारी से देश में एक लाख से ज्यादा गायों की मृत्यु हो चुकी है। यह बीमारी 15 से ज्यादा राज्यों में फ़ैल चुकी है। इससे देश के 250 से ज्यादा जिले प्रभावित हुए है। इस बीमारी से पीड़ित गायों के दूध देने की क्षमता में 50 -75 प्रतिशत तक गिरावट आता है।

इतनी बड़ी संख्या में गायों के इस बीमारी से पीड़ित होने के कारण और उनके दूध देने की क्षमता में गिरावट आने के कारण कच्चे दूध के दामों में लगातार वृदि हो रही है। जिस कारण अमूल और मदर डायरी जैसी दूध कंपनियों को दूध महंगा मिल रहा है। सबसे ज्यादा राजस्थान और पंजाब में इस बीमारी ने गायों को प्रभावित किया है।

कुल मौतों में 64 हज़ार से ज्यादा सिर्फ राजस्थान में हुई है। वही पंजाब में 17 हज़ार से ज्यादा गायों की मृत्यु इस बीमारी से हुई है। कुल पीड़ित गायों में 13 लाख से ज्यादा सिर्फ राजस्थान में पीड़ित हुई है। इस बीमारी के टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 1.65 करोड़ से ज्यादा मवेशियों को इस बीमारी का टीका लगाया जा चुका है।

बेमौसम बारिश और कम बारिश के कारण भी गायों और दूध देने वाले अन्य जानवरों के खाने वाले चारों के दाम लगातार बढ़े है। इन सभी कारणों की वजह से दूध के दाम लगतार बढ़ रहे है।

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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