इंडिया न्यूज़: भारतीय टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत बीते शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे दिल्ली से अपने घर रुड़की जा रहे थे। घर जाते समय वह हादसे का शिकार हो गए थे। उनकी कार बेकाबू होकर डिवाइडर से टकरा गई थी और कार में अचानक आग लग गई। इस हादसे में ऋषभ पंत गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें शुरुआती उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि बाद उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मैक्स अस्पताल में ऋषभ की तीन सर्जरी की गई थीं। भर्ती रहने के दौरान उन्हें दर्द से राहत पाने के लिए पेन थेरेपी दी जा रही थी। पांच विशेषज्ञों की निगरानी में ऋषभ पंत का इलाज किया जा रहा था। बीसीसीआई के साथ ही केंद्र सरकार भी उपचार की निगरानी कर रही है। बीसीसीआई के अनुरोध के बाद लिंगामेंट के उपचार के लिए उन्हें मुम्बई भेजा गया है।
ऋषभ पंत को जब से मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया तभी से अस्पताल में वीआईपी लोगों का आना जाना लगा रहा। वीआईपी लोगों में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, राज्य सरकार के कई मंत्री, विधायक, बॅालीवुड कलाकार के साथ ही कई अन्य लोग भी शामिल हैं। वीआईपी लोगों के आने-जाने से अस्पताल प्रबंधन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
बीसीसीआई की हिदायत
बीसीसीआई ने अस्पताल प्रबंधन को सख्त हिदायत देते हुए कहा- ऋषभ पंत के इलाज से जुड़ी कोई भी जानकारी मीडिया से साझा न की जाए। जिसकी वजह से अस्पताल प्रबंधन इलाज से संबंधित किसी भी जानकारी को बताने से इनकार करता रहा।
हादसे में गम्भीर रूप से घायल ऋषभ को मुम्बई ले जाया गया है। लिंगामेंट का इलाज मुम्बई के कोकिलाबेन अस्पताल में किया जायेगा। मैक्स अस्पताल के दो विशेषज्ञों की देख-रेख में एंबुलेंस से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। उसके बाद चार्टर्ड प्लेन से ऋषभ को मुम्बई ले जाया गया। ऋषभ के साथ उनकी मां सरोज पंत और बहन साक्षी भी थीं।