RSS: प्रयागराज में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की होने वाली अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में शताब्दी वर्ष में सामाजिक समरसता तथा जाति-वर्ण मुक्त समाज की स्थापना का लक्ष्य हासिल को लेकर करने पर मुहर लगेगी। इसके साथ ही ऐसे कई इस तरह के कई अभियान शुरू करने पर मुहर लगेगी। समाज के प्रबुद्ध लोगों और धर्मगुरुओं के माध्यम से जाति-वर्ण मुक्त हिंदू समाज की स्थापना के लिए संघ अपने अभियान को धार देगा।
आपको बता दें कि संघ सूत्रों के अनुसार 16 अक्तूबर से शुरू होने वाली इस जाति-वर्ण मुक्त समाज और सामाजिक समरसता की स्थापना का लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरे एक दिन की चर्चा की जाएगी। जिसके बाद इसकी जरूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी। संघ के मुताबिक, कि ऐसे अभियानों के माध्यम से उसका समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने का लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा।
पहले से अभियान में जुटे हैं मोहन भागवत
दरअसल, संघ की योजना दलितों के बीच शताब्दी वर्ष तक अपनी मजबूत पैठ बनाने की है। बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत खुद विजया दशमी के मौके पर हिंदू समाज को जाति-वर्ण व्यवस्था से मुक्त करने का आह्वान करने के बाद इस मोर्चे पर जुट गए हैं। जिसकी शुरूआत इस संदर्भ में धर्मगुरुओं से मुलाकात कर चर्चा कर रहे हैं।
जिसके बाद मोहन भागवत देश भर में प्रमुख धर्मगुरुओं से इसके तहत मुलाकात कर इस लक्ष्य को हासिल करने में उनका सहयोग मांगेंगे। अपने कार्यक्रमों और प्रवचनों में सभी धर्मगुरुओं से जाति-वर्ण व्यवस्था से ऊपर उठने की अपील करने का अनुरोध किया जाएगा।
चलाया जाएगा कई स्तर पर अभियान
बता दें कि जाति-वर्ण व्यवस्था और सामाजिक समरसता के खिलाफ कई स्तर पर यह अभियान चलाया जाएगा। स्वयंसेवक सभी ग्रामीण अंचलों में खासतौर पर सभी वर्गों का पूजास्थलों तक पहुंचकर एक ही स्थान पर सभी वर्गों का अंतिम संस्कार तथा सभी वर्गों के एक ही जलस्रोत से पानी पीने के लिए अभियान में तेजी लाएगें। इसके अलावा शाखा लगाने की गुंजाइश भी सभी गांवों में तलाशी जाएगी। जिनमें युवाओं को प्रेरित किया जाएगा।
Also Read: शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की अब खैर नहीं, 42 परसेंट नहीं लगाते हेलमेट