India News ( इंडिया न्यूज़ ) Russia News: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बगावत का ऐलान करने वाले वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन को विश्वासघाती बताया है, साथ ही कहा है कि बगावत करने वालों को सख्‍त सजा दी जाएगी। रूस के वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय के विरुद्ध बगावत कर दी है। येवगेनी प्रिगोझिन ने कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जिनमें उसने रूस के रक्षा मंत्री को चुनौती देते हुए उन्हें पद से हटाने का ऐलान किया है। यही नहीं येवगेनी ने अपने लड़ाकों को रूसी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जे के लिए अपने सैनिकों को रवाना कर दिया है। ऐसे में मास्‍को में टैंको की तैनाती कर दी गई है। मॉस्को की सड़कों पर भारी मात्रा में टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को देखा गया है। क्रेमलिन के आसपास भी सैन्य सुरक्षा में इजाफा कर दिया गया है।

रूस के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह

यहां उल्लेखनीय है कि ‘वैग्नर’ के लड़ाके अपने उपकरणों के साथ मॉस्को से लगभग 360 किलोमीटर दक्षिण में लिपेत्स्क प्रांत तक पहुंच गए थे। रूस के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का ऐलान करने वाले प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को रूस की राजधानी मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने लड़ाकों से अचानक रास्ता बदलने को कहा था। बाद में समझौता होने के बाद प्रिगोझिन ने कहा कि वह अपने सैनिकों को मॉस्को की ओर मार्च रोकने और यूक्रेन में फील्ड शिविरों में वापस जाने का आदेश दे रहे हैं, जहां वे रूसी सैनिकों के साथ लड़ रहे हैं।

क्यों येवगेनी प्रीगोझिन ने पीछे खींचे कदम

मीडिया रिपोर्ट के पास येवगेनी प्रीगोझिन के पास 25 हजार सेना है। वह रूस की विशाल सेना के सामने कितने दिन टिक सकती थी यह वैगनर चीफ को अच्छी तरह पता था। रूस के साथ बेलारूस की भी सेना थी। रूस के आधुनिक हथियार और फाइटर जेट के आगे वैगनर ग्रुप कुछ भी नहीं है। जैसे-जैसे लड़ाई आगे बढ़ती वैगनर आर्मी को हथियार और सेना की जरुरत पड़ती जो उससे मिलने की उम्मीद बहुत कम थी। अगर प्रीगोझिन की योजना विफल होती तो उसे मौत की सजा मिलती और हजारों की संख्या में सैनिकों को जान गंवानी पड़ती।