इंडिया न्यूज (India News),Russia: रूस के लिए वर्तमान का समय अत्यंत चुनौती से भरा रहा है। जिसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विद्रोह खत्म होने के बाद जनता को संबोधित किया। जहां राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्र को एकता के लिए धन्यवाद कहा। जिसके बाद पुतिन ने भाड़े के सैनिकों को रक्तपात न करने के लिए धन्यवाद कहा। इसके बाद उन्होंने कहा कि, नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए थे। वहीं उन्होने इस विद्रोह का जिम्मेदार अपने दुश्मनों को बताया है। इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि, विद्रोह शुरू होने के 24 घंटे के अंदर समाप्त हो गया। लोगों के खून की नदियां बहने से बच गई। रक्तपात होने से पहले मार्च को रोक दिया गया। अगर ऐसा नहीं होता तो स्थिति रक्तपात में बदल जाती। वैगनर और रूसी सैनिकों के बीच खून की नदियां बहने लग जाती। इसके बाद पुतिन ने कहा कि, उन्होंने सशस्त्र विद्रोह के दौरान बड़े पैमाने पर रक्तपात से बचने का आदेश दिया था। जबकि पश्चिम और कीव चाहते थे कि रूसी(Russia) ‘एक दूसरे को मार डालें’।
हमारा मकसद तख्तपलट नहीं था-प्रिगोझिन
इस पूरे मामले पर वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा कि, हम सिर्फ अपनी निजी सैन्य कंपनी वैगनर के विनाश को रोकना चाहते थे। तख्तापलट करने का हमारा कोई मकसद नहीं था। हमने अन्याय के खिलाफ मार्च किया था। रूसी(Russia) सेना पर तंज कसते हुए उसने अपने मार्च को मास्टर क्लास बताया। रूस की रक्षा करने में विफल रहने के कारण प्रिगोझिन ने रूसी सैनिकों का भी मजाक उड़ाया था। प्रमुख ने कहा कि रूसी सेना ने हमारा विरोध ही नहीं किया और हम 780 किलोमीटर तक मार्च कर गए।
जानिए क्या हुआ था रूस में
बता दें कि, रूस की निजी सेना वैगनर समूह के मुखिया प्रिगोझिन ने शुक्रवार देर रात से शनिवार तक कई संदेश जारी किए। इसमें प्रिगोझिन ने दावा किया कि वह और उसके सैनिक दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव में प्रवेश कर गए हैं और सैन्य स्थलों पर नियंत्रण कर लिया है। इसके बाद निजी सेना ने मॉस्को पर मार्च करने की धमकी दी थी, लेकिन फिर प्रिगोझिन ने अचानक अपने कदम वापस खींचने का एलान कर दिया।
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