इंडिया न्यूज:(Finland also became the 31st member of NATO) रूस और यूक्रेन के बीच अभी जंग खत्म नही हुआ कि इसी बीच फिनलैंड भी नाटो का 31वां सदस्य बन गया। जिसके बाद रूस की तरफ से काफी नाराजगी जताई जा रही है। फिनलैंड की सदस्यता यूरोप के सुरक्षा परिदृश्य मे एक बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ से अपनी हार के बाद इस देश की तटस्थता बनाई थी लेकिन, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद देश के नेताओं ने यह संकेत दे दिए कि वे नाटो में शामिल होना चाहते हैं।

  • फिनलैंड को जवाबी कार्यवाही का दिया गया चेतावनी
  • नाटो के विस्तार से रूसी संघ खतरा

फिनलैंड को जवाबी कार्यवाही का दिया गया चेतावनी

क्रेमलिन ने फिनलैंड नाटो की सदस्यता को लेकर ‘जवाबी कार्रवाई’ की चेतावनी दे डाली क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनने के बाद कहा कि नाटो फिनलैंड के इस कदम से हमारी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों पर अतिक्रमण है, हम फिनलैंड में किसी भी नाटो सैन्य तैनाती को बारीकी से देखेंगे।

नाटो के विस्तार से रूसी संघ खतरा

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव का मानना हैं कि नाटो का विस्तार हमारी सुरक्षा और रूसी संघ के हितों के लिए खतरा पैदा कर रहा है हम सामरिक और रणनीतिक दोनों तरह से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जवाबी कदम उठाएंगे।

ये भी पढ़े:- मैनहट्टन की अदालत में पेश होने गए डोनाल्ड ट्रंप को कोर्ट में पहुंचते ही पुलिस ने किया गिरफ्तार