इंडिया न्यूज़ (रांची, sambhu saran singh demands death from president of india): झारखण्ड के डाल्टनगंज के दो नंबर टाउन निवासी शम्भू सरण सिंह देश की महामहिम राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग कर रहे है। न्याय की उम्मीद हार चुके श्री सिंह अब ज़िंदा नही रहना चाहते। आखिर ऐसा क्यों है आइये आपको बताते है।
दरसअल, साल 1998 -99 में श्री सिंह गरीब बेरोजगार थे। उन्होंने ऋण लेकर हिंदुस्तान मोटर प्राइवेट लिमिटेड से एक टेकर (यात्री सवारी गाड़ी) खरीदा था। टेकर खीरदने के कुछ माह बाद की इसके इंजन में शिकायत आ गई। तब श्री सिंह ने कंपनी के कोलकाता स्थित कार्यालय से इसकी शिकायत की। कोलकाता से कंपनी के अधिकारियों ने पहुंच कर इंजन की जांच की। अधिकारियो ने जांच में श्री सिंह की शिकायत को सही पाया। इसके बावजूद आज 23 वर्ष बीत जाने के बाद उन्हें किसी तरह का मुआवजा नही मिला सका है। न ही इंजन बदला गया और न ही कोई भुगतान किया गया।
जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर लगा चुके है फ़रियाद
श्री सिंह अब तक जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के अदालतों का दरवाजा खटखटा चुके है। ज्यादातर जगहों से इनके पक्ष में फैसला भी आ चुका है। फिर भी आज तक कंपनी के अधिकारियों ने इन्हें किसी तरफ का भुगतान नही किया है। अब तक इस मामले में हिंदुस्तान मोटर्स देश के न्याय व्यवस्था को अंगूठा दिखाता रहा है। आज श्री सिंह के पास कागजातों की एक मोटी फाइल है लेकिन न्याय अभी तक नही मिला है। इससे आहात होकर इन्होने देश की राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है।
इस मामले में शम्भू सरण सिंह कहते है कि “जब शुरुआत में कंपनी ने इंजन नही बदला तब हम जिला उपभोगक्ता संरक्षण न्यायलय में गए, जहां से इंजन बदलने और मुआवजा देने का आदेश दिया गया, फिर राज्य और राष्ट्रीय उपभोगक्ता संरक्षण न्यायलय में भी मेरे पक्ष में ही फैसला आया है। फिर भी कंपनी द्वारा किसी आदेश का पालन नही किया गया।”
अब तक नही हुई कोई कार्रवाई
श्री सिंह कहते है कि “उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और न्याय एवं विधि आयोग को भी पत्र लिखकर कार्रवाई कि मांग की जहां से जवाब मिला की इसपर कार्रवाई हो रही है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नही हुई।”
वह आगे कहते है कि “एक बार राज्य के मुख्य सचिव का पत्र आया और बोकारो के डीसी से मिलने को कहा गया, वह डीसी से मिलने भी गए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नही हुई है”
शम्भू सरण सिंह मूल रूप से झारखण्ड के पलामू जिले के मोहम्मद गंज प्रखंड के कोलुहा गांव के रहने वाले है। वह 35 साल बोकारो जिले में रहे है। फिलहाल पलामू जिले के जिला मुख्यालय डाल्टनगंज में रहते है.