India News (इंडिया न्यूज), Same Sex Marriage दिल्ली: भारतीय LGBTQIA+ व्यक्तियों के माता-पिता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में ‘विवाह समानता’ की दलील पर विचार करने की अपील की गई है।समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 18 अप्रैल से सुनवाई चल रही है।
स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 में बदलाव की मांग
समलैंगिक विवाह को मान्यता दिए जाने के मामले में बार-बार स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की चर्चा की जा रहा है।याचिकाकर्ता ने मांग की है कि स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 में बदलाव किया जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी के मुताबिक, स्पेशल मैरिज एक्ट में शादी की कानूनी उम्र में बदलाव करने की मांग की गई है।
पुरुष की पुरुष से शादी होती है तो, उम्र होगी 21 साल
समलैंगिक विवाह के मामले में देखा जाए तो अगर पुरुष की पुरुष से शादी होती है तो उम्र 21 साल और स्त्री की स्त्री से शादी होती है तो उनकी 18 साल उम्र होनाआवश्यक है। साथ ही स्पेशल मैरिज एक्ट में ‘पुरुष और महिला की शादी’ की बात कही गई है, जिसे बदलकर ‘व्यक्ति’ लिखे जाने की मांग उठाई जा रही है।
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