इंडिया न्यूज, New Delhi News। Shinde Vs Thackeray : मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना विवाद को लेकर सुनवाई हुई। मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। वहीं कोर्ट ने चुनाव आयोग को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे द्वारा ‘असली शिवसेना’ पार्टी के रूप में मान्यता देने और उसे चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए दायर आवेदन पर गुरुवार तक कोई भी कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि कोर्ट में सुनवाई से पहले महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि कोर्ट में जो होगा वो देखा जाएगा। न्यायपालिका पर मुझे पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा था कि जनभावना मेरे साथ है।
3 बार हो चुकी है मामले में सुनवाई
वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अभी तक 3 बार सुनवाई हो चुकी है। दोनों पक्षों के वकील अपनी-अपनी दलीलें दे चुके हैं। हालांकि अभी तक इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हुई है। चीफ जस्टिस की इसी महीने रिटायरमेंट भी हैं ऐसे में माना जा रहा है कि इस मामले में फैसला पहले आ सकता है।
इनको अयोग्य घोषित करने की मांग
याचिका में एकनाथ शिंदे, भरतशेट गोगावले, संदिपानराव भुमरे, अब्दुल सत्तार, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, बालाजी किणीकर, तानाजी सावंत, प्रकाश सुर्वे, महेश शिंदे, लता सोनवणे, चिमणराव पाटिल, रमेश बोरनारे, संजय रायमूलकर और बालाजी कल्याणकर, को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। इसी याचिका में सुनवाई की जाएगी।
शिंदे गुट की बगावत से आया था महाराष्ट्र की सत्ता में भूचाल
आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र की सत्ता में परिवर्तन हुआ था। शिंदे गुट में बागी विधायकों की संख्या 50 से अधिक होने के कारण उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे राज्य के सीएम और देवेन्द्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने थे।
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