India News (इंडिया न्यूज़), The Kerala Story in SC, दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर फिल्म द केरल स्टोरी की रिलीज को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली एक बेंच ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट को “सुपर आर्टिकल 226 कोर्ट” बनने की अनुमति नहीं दे सकती है।

  • कल भी नहीं मिली अनुमति
  • हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
  • CJI ने लगाई फटकार

अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने आज इस मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि केरल उच्च न्यायालय 5 मई को फिल्म की रिलीज से पहले मामले की सुनवाई नहीं कर रहा। फिल्म के निर्माताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय पहले ही इस मामले पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे डिस्क्लेमर डालने के सुझाव से सहमत नहीं थे। CJI ने तब टिप्पणी की, “अनुच्छेद 32 हर मामले में उपाय नहीं हो सकता है। अनुभवी न्यायाधीश उच्च न्यायालयों में जा सकरते है। हमारे लिए अनुच्छेद 226 न्यायालय बनने का कोई कारण नहीं है।”

हाईकोर्ट का रास्ता खुला

सुपीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि वह मामले पर सुनवाई करने के इच्छुक नहीं है और हाईकोर्ट जाने का रास्ता खुला है। कोर्ट ने इसके बाद याचिका का निस्तारण कर दिया। आपको बता दे कि शुक्रवार 5 मई को फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। वहीं अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को सरकारी अधिकारियों को निर्देश या रिट जारी करने का प्रावधान करता है।

रिलीज रोकने की मांग

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कल याचिका दायर कर सिनेमाघरों में और ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म और ऐसे अन्य माध्यमों से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। यह तर्क दिया गया है कि फिल्म की रिलीज से भारत में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच घृणा और शत्रुता पैदा होने की संभावना है।

कल भी नहीं मिली थी अनुमति

कल, एडवोकेट निजाम पाशा ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच के समक्ष तत्काल लिस्टिंग के लिए फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली एक अर्जी का उल्लेख किया था। न्यायालय ने तत्काल लिस्टिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय से संपर्क करने या भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख करने के लिए कहा।

हाईकोर्ट में सुनवाई 5 मई को

फिर भी एक अन्य याचिकाकर्ता ने कल केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) और फिल्म के निर्माताओं से जवाब मांगा था लेकिन मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 मई की तारीख तय की, जब फिल्म रिलीज होने वाली है।

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