India News (इंडिया न्यूज़) Anand Mohan : सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई संबंधित एक याचिका पर सुनवाई की। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में बिहार सरकार से जवाब- तलब किया है। शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार को पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई से संबंधित पूरा मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया।
जेल मैनुअल में संशोधन कर बिहार सरकार ने किया था आनंद मोहन को रिहा
बता दें, आनंद मोहन 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। जिन्हें कुछ दिनों पहले बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बिहार जेल मैनुअल में संशोधन कर रिहाई का रास्ता साफ कर दिया था। इतना ही नहीं आनंद मोहन के साथ आजीवन करावास की सजा काट रहे 27 अन्य कैदियों को भी रिहा कर दिया गया था।
कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील को सुनाई दो टूक
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने बिहार सरकार की ओर से पेश वकील मनीष कुमार से कहा कि मामले में आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा। मालूम हो, शुरू में बिहार सरकार के वकील ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ वक्त की मोहलत मांगी थीं।
कृष्णैया की पत्नी ने याचिका दायर मांग रखी थी
मालूम हो, मृतक आईएएस अधिकारी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी कृष्णैया की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राज्य सरकार ने पश्चगामी ढंग से नीति में बदलाव किया और आनंद मोहन को रिहा कर दिया। लूथरा ने पीठ से अनुरोध किया कि वह राज्य को आनंद मोहन के सभी पिछले आपराधिक रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दे।
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