Science News: पृथ्वी से 104 Light years दूर दिखी अद्भुत घटना, ‘हीरे’ में बदल रहा छोटा तारा

इंडिया न्यूज(India News), Science News: हमारे सौरमंडल में आकाश गंगा जैसी ना जाने कितनी हि गैलेक्सियां मौजूद हैं, इस बात की पुष्टि अंतरिक्ष वैज्ञानिक काफी समय पहले कर चुके हैंं। लेकिन अब इन गैलेक्सियों के प्रमाण वैज्ञानिकों के द्वारा हाई रेजुलेशन कैमरों और नई तकनीक के माध्य से हम तक पहुंच रहे हैं। ऐसी ही तकनीक की मद्द से वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष की गहराइयों में एक दुर्लभ खोज की है। बताया जा रहा है कि धरती से लगभग 104 प्रकाश वर्ष (Light years) की दूरी पर एक सफेद रंग के छोटे तारे की पहचान की गई है। ये तारा  मुख्य रूप से कार्बन और धातु ऑक्सीजन से बना है। इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार यह ठंडा होने पर ‘कॉस्मिक डायमंड’ में तबदील हो सकता है।

पुराने तारे बन जाते है ‘कॉस्मिक डायमंड’ (Science News)

बता दें कि जब सूर्य की तरह एक तारा अपने अंत के करीब पहुंचता है तो वह एक सफेद बौने सितारे में बदल जाता है, जो बेहद गर्म होता है। इनमें से कुछ तारे धीरे-धीरे कठोर होकर क्रिस्टल बन जाते हैं। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने भी ऐसे ही एक तारे को देखा था जो ठंडा हो गया है और इसका कोर ‘कॉस्मिक डायमंड’ में बदल सकता है। वैज्ञानिकों की थ्योरी के इस सफेद तारे के बारे में बताया है। लो एनर्जी में ये तारे अपने अंत की तरफ बढ़ते है और सितारे वेस्ट हीट के साथ चमकते हैं और समय के साथ ठंडे हो जाते हैं। आखिर में ये क्रिस्टलीकृत कार्बन से बने काले बौने सितारों में बदल जाते हैं। हालांकि इस प्रक्रिया में एक 1000 ट्रिलियन साल लग जाते हैं।

Gaia स्पेस टेलिस्कोप से हुई खोज

Gaia स्पेस टेलिस्कोप के डेटा की मदद से HD 190412 नाम से तीन सितारों की खोज संभव हुई है। रिसर्चस् का मानना है कि  स्टार सिस्टम लगभग 7.3 बिलियन साल पुराना है। इसके अलावा सफेद बौने सितारे की उम्र लगभग 4.2 बिलियन साल हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी के इतने निकट इस प्रणाली की खोज से पता चलता है कि ब्रह्मांड में कई’ कॉस्मिक डायमंड’ से युक्त स्टार सिस्टम हो सकते हैं

1000 ट्रिलियन साल के बाद बनता है क्रिस्टलीकृत तारा

बता दें कि खोज इस लिए भी खास है कि एक तारे के क्रिस्टलीकृत बनने में करीब 1000 ट्रिलियन साल लग जाते हैं। चुकी वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मांड सिर्फ 13.8 बिलियन साल पुराना है तो, हमारे लिए क्रिस्टलीकृत तारे को देखना संभव नहीं है। लेकिन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के Gaia टेलिस्कोप की मदद से वास्तविक चमक और उम्र के आधार पर किसी तारे की पृथ्वी से दूरी को मापना आसान हो गया है।

 

Mudit Goswami

मुदित गोस्वामी, प्रयागराज से ताल्लुक रखते हैं. Delhi university से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर Paigam.Network जैसी संगठन के साथ बतौर रिसर्चर और कॉन्टेक्ट राइटर काम कर चुके हैं. पत्रकारिता जगत में 3 से अधिक सालों के अनुभव के साथ इंडिया न्यूज़ में पॉलिटिक्स और धर्म से जुड़ी खबरें/स्टोरी लिखना पसंद करते हैं.

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