इंडिया न्यूज़ (जम्मू, seven arrested in Jammu&kashmir sub-inspector recruitment scam): केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों सहित सात आरोपियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया।
मामले में गिरफ्तार लोगों में हेड कांस्टेबल पवन कुमार, कांस्टेबल अमित कुमार शर्मा, अतुल कुमार और सुनील शर्मा शामिल हैं। तीनों सीआरपीएफ में कार्यरत थे। अन्य आरोपी जम्मू-कश्मीर पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक जयसूर्या शर्मा, पंजाब के पठानकोट का तरसेम लाल और हरियाणा के रेवाड़ी का आशीष यादव शामिल हैं।
सभी सात आरोपियों को गुरुवार को जम्मू में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अनुरोध पर अगस्त में मामला दर्ज किया था।
इस मामले में अब तक 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है इसमें तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा; जम्मू और कश्मीर चयन बोर्ड (JKSSB) के तत्कालीन सदस्य; तत्कालीन अवर सचिव और पूर्व अनुभाग अधिकारी (जेकेएसएसबी के); एक पूर्व सीआरपीएफ अधिकारी; जम्मू और कश्मीर पुलिस के एक एएसआई; अखनूर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक; बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी; और अन्य लोगों खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इस साल 27 मार्च को जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा सब-इंस्पेक्टर के पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। नतीजे चार जून को घोषित किए गए थे। इसकी लिखित परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप है।
पहले, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया था। फिर मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने जेकेएसएसबी, बेंगलुरु फर्म, लाभार्थी उम्मीदवारों और अन्य अधिकारियों के साथ साजिश रची, जिसके परिणामस्वरूप उप-निरीक्षकों के लिए लिखित परीक्षा के आयोजन में घोर अनियमितताएं हुईं।
यह भी आरोप लगाया गया था कि जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों के चयनित उम्मीदवारों का प्रतिशत असामान्य रूप से उच्च था। जेकेएसएसबी द्वारा नियमों का उल्लंघन कथित रूप से बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी को प्रश्न पत्र सेट करने का कार्य सौंपते हुए पाया गया था।
जांच में यह भी पता चला कि इच्छुक उम्मीदवारों और उनके परिवारों द्वारा परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र तक पहुंचने के एवज में आरोपी को लगभग 20 से 30 लाख रुपये का कथित भुगतान किया गया था।
जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक सहित कई राज्यों में भी तलाशी ली गई थी। आरोपी (सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी) और अन्य व्यक्तियों के परिसर से बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए।
यह पाया गया कि आरोपी ने अपने रिश्तेदारों सहित अन्य लोगों के साथ कथित रूप से प्रश्न पत्र लीक करने की साजिश रची। लीक हुए प्रश्न पत्र की बिक्री के लिए उम्मीदवारों से आग्रह किया, लगभग 20 लाख रुपये की भारी नकद राशि प्राप्त की या एकत्र की और उसे अलग-अलग बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया।
पहले गिरफ्तार किए गए 13 आरोपियों में से नौ वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं और चार पुलिस हिरासत में हैं।
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