Top News

शिवसेना का “मशाल” एवं ‘ढाल और दो तलवार’ से रहा है पुराना नाता, जानें

इंडिया न्यूज़ (मुंबई, Shivsena symbol history): महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘ढाल और दो तलवार मिली’, उद्धव ठाकरे के खाते में ‘मशाल’ आई। उद्धव ठाकरे परिवार में इतने दिनों से लगी आग आखिर चुनाव आयोग के मशाल से शांत हुई। चुनाव आयोग के इस फैसले के साथ ही शिवसेना में जारी पहचान की जंग पर विराम लग गया है। पार्टी के दोनों दोनों गुटों को नया नाम भी मिला गया है।

बालासाहेब के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी ‘शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)’ हुई है। वहीं, शिंदे की पार्टी को ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ का नाम मिला है। यह दोनों चिन्ह चुनाव आयोग से मांगने और इन्हें मिलने की एक कहानी है। दरअसल, इतिहास बताता है कि दोनों चिह्न शिवसेना की राजनीतिक यात्रा में शामिल रहे हैं। आइये आपको बताते है इन दोनों चिन्हों की कहानी।

बीएमसी का चुनाव ‘ढाल और दो तलवार’ पर लड़ा था पार्टी ने

शिवसेना का गठन साल 1966 में हुआ था, तब पार्टी जनाधार बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही थी। फिर आया 1968 का साल, शिवसेना को बने दो साल का समय हो चुका था। तब बृह्नमुंबई महानगरपालिका के चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी ने किया था। इस चुनाव में शिवसेना ने ढाल और दो तलवार के चिह्न पर चुनाव लड़ा था।

साल 1985 के चुनाव में छगन भुजवल का चुनाव चिन्ह था मशाल.

पार्टी को शिवसेना नाम देने का श्रेय पार्टी संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के पिता और समाज सुधारकर प्रबोधंकर केशव सीताराम ठाकरे को जाता है, शिवसेना का मतलब होता है, “छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना”.

भुजवल ने मशाल पर लड़ा था चुनाव

महाराष्ट्र में साल 1985 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब शिवसेना का एक ही विधायक चुना गया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में एनसीपी के नेता छगन भुजवल ने महाराष्ट्र के मझगांव निर्वाचन क्षेत्र से मशाल के चिह्न पर चुनाव जीता था।

बाल ठाकरे द्वारा बनाया गया कार्टून.

साल 1984-85 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या की बाद हुए लोकसभा के चुनावों में शिवसेना के उम्मीदवारों ने बीजेपी के कमल निशान पर चुनाव लड़ा था। चुनाव के बाद शिवसेना और बीजेपी के रिश्ते में खटास भी आई थी। तब बालासाहेब ठाकरे ने अपने एक कार्टून में मशाल और कमल को लेकर भाजपा पर तंज कसा था।

कई चुनाव चिन्ह देख चुकी है पार्टी

अपने गठन के बाद से शिवसेना कई चुनाव चिन्ह देख चुकी है। साल 1968 के चुनाव में पार्टी का चिन्ह ‘ढाल और दो तलवार’ वही साल 1980 के साल में पार्टी का चुनाव चिन्ह रेल इंजन रहा है। साल 1978 का चुनाव पार्टी के उम्मीदवारों ने रेल इंजन के निशान पर ही लड़ा था। वही साल 1985 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के उम्मीदवारों टॉर्च, बैट-बॉल जैसे चिह्न लेकर मैदान में उतरे थे.

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

Recent Posts

UP: लखनऊ में जुटी बिजली पंचायत टेंडर निजीकरण को लेकर किया आंदोलन

India News (इंडिया न्यूज), Lucknow: रविवार को लखनऊ के राणा प्रताप मार्ग स्थित फील्ड हॉस्टल…

3 minutes ago

Google Maps ने फिर किया गुमराह… गलत लोकेशन से हुआ नुकसान, कई अभ्यर्थियों का छूटा UPPSC प्री एग्जाम

India News (इंडिया न्यूज़),Firozabad News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ओर से 22…

8 minutes ago

भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus

Durga-2 Laser Weapon: भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) बहुत जल्द भारत में बने लेजर हथियार…

24 minutes ago

दलित छात्रों को विदेशों में पढ़वाएगी दिल्ली सरकार, जानिए योजना की पूरी डिटेल

India News (इंडिया न्यूज़),Dr Ambedkar Samman Scholarship Scheme: दिल्ली में अगले कुछ महीनों में विधानसभा…

25 minutes ago

गलत ट्रेन, गलत फैसला PCS परीक्षा देने निकली युवती की रेल हादसे में मौत

बाराबंकी से हादसे की दास्तां India News (इंडिया न्यूज), UP: शनिवार की रात एक छोटी-सी…

32 minutes ago

इस आसान तरीके से बनाएं रोटियां, एक बार जान ली ये ट्रिक तो घर का एक-एक सदस्य करेगा तारीफ

Roti In Pressure Cooker:  रोटियां सेंकने का झंझट बहुत लोगों के लिए परेशानी का कारण…

32 minutes ago