(दिल्ली) : पिछले कुछ समय से देखा जाए तो कांग्रेस की पूरी राजनीती हिंदुत्व और सावरकरकर के इर्द -गिर्द घूमती नजर आती है। राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेता हिंदुत्व पर हर मौके पर निशाना साधते नजर आते है। अवसर मिला तो तुष्टीकरण के लिए हिंदुत्व को निशाना बनाने के क्रम में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया भी पीछे नजर नहीं आए। बता दें, सिद्धारमैया ने ऐसे समय में हिंदुत्व को हिंसा और हत्या को बढ़ावा देने वाला धर्म बताया है। जब इसी साल के मई में वहां विधानसभा चुनाव होने हैं।
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कलबुर्गी में एक जनसभा के दरम्यान कहा, ‘हिंदुत्व संविधान के खिलाफ है। राहुल गांधी की तर्ज पर उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व और हिंदू धर्म अलग-अलग है। मैं हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हूं। मैं एक हिंदू हूं लेकिन मनुवाद और हिंदुत्व का विरोध करता हूं। तुष्टीकरण की पराकाष्ठा उन्होंने तब पार कर दी जब उन्होंने कहा कि अन्य कोई भी धर्म हत्या और हिंसा का समर्थन नहीं करता है, लेकिन हिंदुत्व और मनुवाद हत्या, हिंसा और भेदभाव का समर्थन करते हैं।’
कांग्रेस नेता ही बढ़ा रहे पार्टी की मुश्किलें
मालूम हो, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने खुद ऐलान किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव होने वाला है। उनके लिए यह चुनाव बेहद अहम है। वह चुनाव जीतने के लिए हर तबके को संतुष्ट करने बात रहे हैं। एक तरफ सबको संतुष्ट करने की बात और दूसरी तरफ एक धर्म पर निशाना। ऐसे में उनकी बयानबाजी से पार्टी की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही है।
कब हैं राज्य में विधानसभा चुनाव
बता दें, कर्नाटक विधानसभा के सभी 224 सीटों पर मई 2023 में चुनाव होने की सम्भावना है। वहीं कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 को खत्म हो रहा है। मालूम हो, पिछला विधानसभा चुनाव मई 2018 में हुआ था। चुनाव के बाद, जनता दल (JDS) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रदेश में गठबंधन की सरकार बनाई थी । उस समय एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि राज्य की गठबंधन सरकार कुछ ही महीनों में गिर गई थी।