इंडिया न्यूज, कोलंबो:
श्रीलंका में अब भी गतिरोध जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का राष्ट्रपति चुन लिया गया है जिससे लोग नाखुश हैं। वे रानिल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। कई सरकारी इमारतों पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर रखा है। कल रात को प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया और सुरक्षा बलों ने आधी रात को उन्हें खदेड़ा। इस दौरान हुई झड़पों में करीब 50 लोगों घायल हो गए। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शन में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

एक्शन : राष्ट्रपति सचिवालय को खाली करवाया जा रहा

प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। श्रीलंकाई सेना प्रदर्शनकारियों के कब्जे से राष्ट्रपति सचिवालय को खाली करवा रही है। पिछले कुछ दिन से प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति सचिवालय पर कब्जा कर रखा है। खाली कराने के दौरान ही सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई है। जवाबी कार्रवाई में लोग घायल हो गए व नौ को गिरफ्तार कर लिया गया। समाचार एजेंसी रायटर्स ने यह जानकारी दी है।

सचिवालय पर किसी को कब्जे का हक नहीं : पुलिस

पुलिस ने बताया कि सेना व पुलिस ने संयुक्त तौर पर सचिवालय को खाली करवाने के लिए आपरेशन शुरू किया है। एक अधिकारी ने कहा कि सचिवालय पर किसी को कब्जे का हक नहीं है। बता दें कि बुधवार को चुनाव हुआ था जिसमें रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने गए। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए हैं और तभी से देश के लोग सड़कों पर हैं।

आधी रात को प्रदर्शनकारियों पर की गई कार्रवाई पर अमेरिका चिंतित

श्रीलंका में जारी गतिरोध व सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हई ताजा झड़पों पर अमेरिका ने भी चिंता जताई है। कोलंबो में अमेरिकी राजदूत जूली चुन ने ट्वीट कर कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आधी रात को गाले फेस में कई गई कर्रवाई अनुचित है। उन्होंने अधिकारियों को संयम बरतने की सलाह दी। इसी के साथ उन्होंने कहा है कि झड़पों में घायल हुए लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। चुन ने कहा, प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई से मैं बेहद चिंतित हूं।

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