इंडिया न्यूज, New Delhi News। Demand To Declare Sanskrit As National Language : सुप्रीम कोर्ट ने संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट डीजी वंजारा की तरफ से शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर की गई थी। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने इस पर सुनवाई की। जजों ने कहा कि यह एक नीतिगत फैसला है, जिसके लिए संविधान में संशोधन किए जाने की जरूरत है।
याचिकाकर्ता से संस्कृत में एक लाइन सुनाने को कहा
पीठ ने याचिकाकर्ता से संस्कृत में एक लाइन सुनाने के लिए भी कहा। याचिकाकर्ता ने संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित किए जान के जरिए भाषा के प्रचार की भी बात की थी।
पीठ ने कहा, यह भी नीति निर्णय के दायरे में आता है और इसके लिए भी संविधान में संशोधन की जरूरत होगी। किसी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करने के लिए संसद को रिट जारी नहीं किया जा सकता।
पीठ ने पूछा-भारत में कितने शहरों में बोली जाती है संस्कृत?
पीठ ने सवाल किया, भारत में कितने शहरों में संस्कृत बोली जाती है? डीजी वंजारा ने कहा कि वह केंद्र की तरफ से इस पर चर्चा चाहते हैं और अदालत की तरफ से दखल सरकार के स्तर पर चर्चा शुरू करने में मददगार होगा।
रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट ने सुनाया संस्कृत श्लोक
पीठ ने पूछा, क्या आप संस्कृत बोलते हैं? क्या आप संस्कृत में एक लाइन बोल सकते हैं या आपकी रिट याचिका की प्रार्थना का संस्कृत में अनुवाद कर सकते हैं। इसपर रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट ने एक श्लोक सुना दिया और बेंच की तरफ से जवाब मिला ‘यह हम सभी को पता है।’
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