इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : देश की सर्वोच्च अदालत और मौजूदा केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर बड़ा टकराव सामने आया है। जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार का सिस्टम सही से काम नहीं कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कॉलेजियम ने जजों की सिफारिश कर दी है, इसके बावजूद मोदी सरकार ने अभी तक जजों की नियुक्ति नहीं की है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति पर सुनवाई के दौरान कहा कि लगता है कि सरकार राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के रद्द किए जाने से नाखुश है। केंद्र सरकार जजों की नियुक्ति पर बैठी रहेगी तो सिस्टम कैसे काम करेगा। हमें न्यायिक पक्ष पर फैसला करने को विवश ना करें। अदालत ने सरकार के प्रतिनिधि यानी अटॉर्नी जनरल को कहा है कि वे सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए सलाह दें कि देश के कानून का पालन किया जाए।
कॉलेजियम प्रणाली
जानकारी हो, कॉलेजियम प्रणाली न्यायाधीशों द्वारा ही न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रथा है और इसे लेकर सरकार और शीर्ष अदालत में कुछ मतभेद हैं। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजुजू ने पिछले महीने कहा था कि देश के लोग कॉलेजियम प्रणाली से खुश नहीं हैं और संविधान की भावना के अनुसार न्यायाधीशों की नियुक्ति करना सरकार का काम है। ऐसे में कॉलेजियम सिस्टम से स्वीकृति के बावजूद अभी तक जजों की नियुक्ति नहीं हो सकती है।
पूर्व CJI कॉलेजियम प्रणाली से थे सहमत
जानकारी दें, देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश यू. यू. ललित ने अपने एक बयान में कहा था कि कॉलेजियम प्रणाली में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम प्रणाली यहां मौजूद रहेगी और यह एक स्थापित मानदंड है, जहां न्यायाधीश ही न्यायाधीश को चुनते हैं जिससे न्यायपालिका की गरिमा स्थापित रहती है जो कि आज के वक्त की मूल आवश्यकता है।