इंडिया न्यूज़ : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के निर्माण कार्य को रोकने से इनकार करते हुए कहा कि किसी भी तरह के हस्तक्षेप से लागत में भारी वृद्धि होगी। दरअसल, सु्प्रीम कोर्ट में दिल्ली मेट्रो द्वारा पर्यावरण( मुख्य रूप से पेड़ो को काटकर) में अनदेखी को लेकर याचिका दाखिल कर कार्य को रोकने की अपील की थी। हालांकि इस दौरान कोर्ट में दलील दी गई कि उखड़े हुए पेड़ों को लगाने का प्रावधान था।
बता दें, इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पर्यावरण के लिए चिंता एक महत्वपूर्ण पहलू है, हालांकि मेट्रो रेलवे जैसे विकासात्मक कार्य, जो अरबों लोगों की जरूरतों को पूरा करेगा और कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा क्योंकि सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो जाएगी, उसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।हालांकि, शीर्ष अदालत ने दिल्ली मेट्रो को आगे के चरणों की योजना बनाते समय भविष्य में सावधान रहने को कहा है।
बता दें कि, दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में छह कॉरिडोर होंगे- एरोसिटी से तुगलकाबाद, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ, लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक, मुकुंदपुर से मौजपुर, जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम और रिठाला से बवाना और नरेला।
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