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ताजमहल के कमरे खोलने की जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज, लगाई फटकार

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, supremc court reject tajmahal petiton): सुप्रीम कोर्ट ने आज ताजमहल के कुछ कमरों को खोलने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए, याचिकाकर्ता को फटकार लगाई, याचिका में ताजमहल की जगह पर तेजो महालय होने का दावा किया गया था।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने मामले पर सुनवाई की, कोर्ट ने कहा की यह याचिका जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ अपील की गई है, एक ‘प्रचार हित याचिका’ है और हम इसको खारिज करते है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा की, इलाहाबाद “उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज करने में कोई गलती नहीं की है।”

याचिकाकर्ता ने बीजेपी नेता होने का दावा किया

याचिका डॉ रजनीश सिंह की तरफ से दायर की गई थी। दावा किया जा रहा है श्री सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी है।

श्री सिंह ने अपनी याचिका में कोर्ट से मांग की थी कि सरकार को एक तथ्य-खोज समिति का गठन करने का निर्देश दिया जाए जो मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर ताजमहल के अंदर छिपी मूर्तियों और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्यों की तलाश करने का काम करे।

रजनीश सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सामने कहा था कि कई हिंदू संगठन यह दावा कर रहे हैं कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था, इस सिद्धांत का कई इतिहासकारों द्वारा भी समर्थन किया गया है।

पहले भी मामला आया था सामने

कोर्ट में यह भी तर्क दिया गया था कि जो दावों समाज के बीच हो रहे उसने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है, जहां हिंदू और मुसलमान आपस में लड़ रहे हैं और इसलिए इस विवाद को खत्म करने की लिए यह कदम उठाने की जरुरत है।

याचिकाकर्ता की तरफ से यह तर्क भी दिया गया कि ताजमहल की चार मंजिला इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे हैं जो स्थायी रूप से बंद हैं और पीएन ओक जैसे इतिहासकारों और कई हिंदू हिन्दू धर्म के अनुयायियों का मानना ​​है कि उन कमरों में एक शिव मंदिर है।

यह पहली बार नहीं है जब ताज महल को “तेजो महालय” बताकर दावे किये जा रहे है और मामला अदालत के सामना गया हो। आगरा में छह वकीलों द्वारा दायर एक याचिका का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने 2017 में कहा था कि दावा “मनगढ़ंत” और “स्व-निर्मित” है। इस याचिका में भी ताज महल के “तेजो महालय” होने का दावा किया गया था

सुप्रीम कोर्ट में जो मामला गया उसे डॉ रजनीश सिंह बनाम भारत संघ और अन्य के नाम से जाना गया।

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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