सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को आदेश ‘कैसे हुई चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति? इसकी फ़ाइल हमें भेजिए’

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से उनकी नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज तलब किए हैं। संवैधानिक बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान केंद्र ने गोयल की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज दिखाने पर आपत्ति जताई। केंद्र का कहना था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है, लेकिन कोर्ट ने दो टूक कहा कि आप दस्तावेज पेश कीजिए। अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हम देखेंगे कि नियुक्ति में कहीं कुछ गलत तो नहीं हुआ। वहीं इस मामले में अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कल यानी गुरुवार को होगी।
आपको बता दें, चुनाव आयोग की शक्तियों की बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक जिरह के दौरान मंगलवार को कहा था कि वह मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर टीएन शेषन की तरह के सुदृढ़ चरित्र वाले व्यक्ति को चाहता है। कोर्ट ने कहा कि संविधान ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्तों के नाजुक कंधों पर बहुत जिम्मेदारियां सौंपी हैं। सुप्रीम कोर्ट की राय है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश को भी शामिल किया जाए। इससे नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
कोर्ट ने केंद्र से जवाबतलब किया

आपको जानकारी दें, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब संविधानपीठ के सामने CEC/ EC की नियुक्ति प्रकिया को लेकर मामला लम्बित था, उसी दौरान यह नियुक्ति हुई है। ऐसे में हम जानना चाहते हैं कि इस नियुक्ति में किस तरह की प्रकिया का पालन हुआ है? साथ ही कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयुक्त को इतना स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री के खिलाफ भी कार्रवाई करने की जरूरत पड़े तो वह हिचकिचाए नहीं ! इसके लिए ज़रूरी है कि उनका चयन सिर्फ कैबिनेट नहीं करे, उनकी नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र निकाय होना चाहिए।

जानिए कौन हैं? चुनाव पैनल में नियुक्त होने वाले अरुण गोयल

जानकारी हो, गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सेवानिवृत्त नौकरशाह अरुण गोयल को शनिवार को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। गोयल पंजाब कैडर के पूर्व अधिकारी हैं। नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के एक दिन बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। पोल पैनल ने कहा कि गोयल ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया। जिसके बाद 1985 बैच के पंजाब कैडर के अधिकारी अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के साथ चुनाव पैनल में शामिल हो गए।

ज्ञात हो, चुनाव पैनल में शामिल होने से पहले अरुण गोयल भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव थे। उन्होंने कैबिनेट की नियुक्ति समिति के एक आदेश के अनुसार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी, जिसने उनकी जगह उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी कामरान रिजवी को नियुक्त किया था। पहले उनके 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने की उम्मीद थी। 2019 में भारी उद्योग सचिव के रूप में नियुक्त होने से पहले, गोयल संस्कृति मंत्रालय के सचिव थे। उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। जानकारी हो, देश के शीर्ष चुनाव निकाय में तीसरा पद छह महीने से खाली था।देश के तीन सदस्यीय आयोग में एक चुनाव आयुक्त का पद 15 मई से खाली था। जब तत्कालीन चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सुशील चंद्रा के पद से सेवानिवृत्त होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला था।
Ashish kumar Rai

Recent Posts

‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?

CM Mamata Banerjee: राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने…

4 hours ago

पहली ही मुलाकात में नार्वे की राजकुमारी के बेटे ने 20 साल की लड़की से किया रेप, फिर जो हुआ…सुनकर कानों पर नहीं होगा भरोसा

Norway Princess Son Arrest: नॉर्वे की क्राउन प्रिंसेस मेटे-मैरिट के सबसे बड़े बेटे बोर्ग होइबी…

4 hours ago

हॉकी के बाद बिहार को इस बड़े स्पोर्ट्स इवेंट की मिली मेजबानी, खेल मंत्री मांडविया ने दी जानकारी

India News Bihar (इंडिया न्यूज)Khelo India Games: बिहार ने पिछले कुछ सालों में खेलों की…

4 hours ago

‘अधिकारी UP से कमाकर राजस्थान में …’, अखिलेश यादव का जयपुर में बड़ा बयान; CM योगी के लिए कही ये बात

India News RJ (इंडिया न्यूज),Akhilesh Yadav in Jaipur: यूपी में उपचुनाव के लिए मतदान खत्म…

5 hours ago