बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (SVB Crisis Update: First Citizens Bank submitted its bid to buy SVB soon after SVB bankruptcy): अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के डिपॉजिटर्स को बड़ी राहत मिली है। डूबे हुए बैंक को अमेरिका की ही फर्स्ट सिटिजन्स बैंक (First Citizens Bank) ने खरीद लिया है। इस डील में फर्स्ड सिटिजन्स बैंक ने एसवीबी के सभी डिपॉजिट और लोन का अधिग्रहण कर लिया है। बैंक के डूबते ही यूएस की फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने एसवीबी को सीज कर एक अलग बैंक, जिसका नाम सिलिकॉन वैली ब्रीज बैंक में ट्रांसफर कर दिया था।
- एसवीबी बैंक के डूबने तक इसकी कुल संपत्ति 167 बिलियन डॉलर थी
- क्यों डूबा बैंक ?
एसवीबी बैंक के डूबने तक इसकी कुल संपत्ति 167 बिलियन डॉलर थी
आपको बता दें कि एसवीबी के डूबने के तुरंत बाद ही इसे खरीदने के लिए फर्स्ट सिटिजन्स बैंक ने अपनी बिड जमा कर दी थी। एफडीआईसी ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 मार्च, बैंक के डूबने के दिन तक इसके पास 167 बिलियन डॉलर थी और कुल 119 बिलियन डॉलर का डिपॉजिट था
इस ट्रांजैक्शन में एसवीबी के 72 अरब डॉलर के संपत्ति को 16.5 अरब डॉलर के डिस्काउंट पर खरीदे गए हैं। इसके अलावा करीब 90 बिलियन डॉलर की सिक्योरिटीज और दूसरे ऐसेट एफडीआईसी की रिसीवरशिप (Receivership) में रहेंगी। इसी महीने एसवीबी बैंक की यूके की ब्रांच को एचएसबीसी बैंक ने केवल 99 रुपए में खरीद लिया था।
क्यों डूबा बैंक ?
एसवीबी बैंक में साल 2021 में 189 अरब डॉलर हिपॉजिट हुए थे लेकिन इसके बावजूद यह बैंक मार्च 2023 में डूब गया। जानकारों के मुताबिक बैंक डूबने के दो कारण हो सकते हैं। पहला, एसवीबी बैंक ने कई बॉन्ड्स खरीदे, जिसमें उसे नुकसान हुआ और इसी साल, 2023 में फेडरल रिजर्व बैंक ने टेक कंपनियों के लिए ब्याज दर को बढ़ा दिया था। इन दो कारणों का नतीजा यह हुआ कि ब्याज दर बढ़ने से टेक कंपनियों में फंडिंग की कमी हो गई और कंपनियां बैंक से पैसे निकालने लगी। बैंक बंद होने से ठीक एक दिन पहले यानी 9 मार्च को एसवीबी बैंक ने 21 अरब डॉलर की संपत्ति को 1.8 अरब डॉलर के नुकसान पर बेचा था।
ये भी पढ़ें :- ग्लोबल बैंक क्राइसिस के बावजूद क्यों नहीं है भारत के बैंकों को खतरा, जानिए पूरी डिटेल