India News (इंडिया न्यूज़), Tahawwur Rana, दिल्ली: भारत मुंबई हमले की आरोपियों को लगातार सजा देने की मांग करता रहा है। चाहे वह दुनिया के किसी कोने में हो भारत उन पर नजर बनाए रखता है। हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद और जखीउर रहमान लखवी पाकिस्तान में है। इसके बाद हमले के कई आरोपी दुनिया की अलग-अलग जगहों पर है। एक आऱोपी डेविड हेडली अमेरिकी की एक जेल में अपनी सजा काट रहा है। हालांकि यह सजा अमेरिकी में किसी दूसरे मामले में दी गई है।

अब मुंबई हमले को सजा देने और उसे भारत लाने का प्रयास सफल होता दिख रहा है। अमेरिका की एक अदालत ने मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी है। याचिका खारिज करने का मतलब यह हुआ की अमेरिकी विदेश मंत्री अब उसे भारत को सौंपने का फैसला कर सकते है।

राणा ने अपील की

सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के यूनाइटेड स्टेट डिस्ट्रिक्ट अदालत ने फैसला सुनाया। राणा की तरफ से फैसले को नाइंथ सर्किट कोर्ट में चुनौती दी गई है। उसने यह भी अनरोध किया है कि जब तक नाइंथ सर्किट कोर्ट में सुनवाई ने हो, उसे भारत भेजने पर रोक लगाया जाए।

कोर्ट ने खारिज की दलील

कोर्ट की राणा की तरफ से दो दलीले पेश की गई। पहला, उसने कहां की भारत जिन आरोपों में उसके खिलाफ मुकदमा चलाने चाहता है, उसपर अमेरिका के कोर्ट ने सुनवाई की और उसे बरी कर दिया। दूसरा उसने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं जो कहता हो की उसने भारत में कोई अपराध किया है। कोर्ट ने दोनों दलीलों को खारिज कर दिया।

एनआईए कर रही जांच

भारत में मुंबई हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तरफ से की जा रही है। 26 नवंबर 2008 मुंबई के ताज होटल, नरीमण प्वांइट सहित कई ठिकानों पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के तरफ से हमले किए गए थे। कुल 10 आतंकियों ने हमला किया था। जिसमें से 9 मारे गए और एक आतंकी अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया। 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दी गई थी। हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे जिसमें 6 अमेरिकी नागरिक भी थे।

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