Top News

ताजमहल या तेजोमहल वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज ,सुनवाई से किया इंकार

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : ताजमहल पहले तेजोमहालय था? उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित यह विश्व प्रसिद्ध इमारत भगवान शिव के मंदिर को तोड़कर बनाया गया? आपको बता दें, इन सवालों के जवाब ढूंढने की तमाम कोशिशों को आखिरी झटका लग चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के इतिहास और स्मारक के परिसर में ’22 कमरों को खोलने’ की ‘तथ्यात्मक जांच’ कराने के अनुरोध संबंधी याचिका खारिज कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह जनहित में नहीं, लोकप्रियता पाने के लिए दायर की गई याचिका है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, ‘यह प्रचार हित याचिका है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट से पहले भी लग चुका है झटका

आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ताजमहल को तेजोमहल बताने वाली याचिका को पहले ही ठुकरा दिया था। ज्ञात हो,याचिककर्ता ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब सुप्रीम कोर्ट के दो जजों, न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया जिसमें याचिका खारिज कर दी गई थी। पीठ ने कहा, ‘उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज करने में गलती नहीं की, जो एक प्रचार हित याचिका है। इसे खारिज किया जाता है।’

बीजेपी नेता ने दर्ज की थी याचिका

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 मई को कहा था कि याचिकाकर्ता रजनीश सिंह, जो भारतीय जनता पार्टी की अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी हैं, यह इंगित करने में विफल रहे कि उनके कौन से कानूनी या संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। इसने ‘लापरवाहपूर्ण’ तरीके से जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता के वकील की भी खिंचाई की और कहा कि वह इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत आदेश पारित नहीं कर सकता। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति या प्राधिकरण को आदेश या रिट जारी करने का अधिकार देता है।

याचिका में बतया गया शिव मंदिर को तोड़कर ताजमहल बनाया गया

आपको बता दें, कई हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने भी अतीत में दावा किया था कि मुगलकाल का मकबरा भगवान शिव का मंदिर था। जानकारी हो, स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है। याचिका में प्राचीन, ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1951 और प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के कुछ प्रावधानों को अलग करने का भी अनुरोध किया गया था जिसके तहत ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, आगरा का किला और इत्माद-उद-दौला का मकबरा ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया गया था।
Ashish kumar Rai

Share
Published by
Ashish kumar Rai

Recent Posts

Aligarh News: छात्रा के साथ कोचिंग टीचर ने किया ऐसा काम… सुनकर रह जाएंगे हैरान! FIR दर्ज

India News (इंडिया न्यूज), Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक दिल दहला देने…

6 minutes ago

संभल मस्जिद मामले में मायावाती का आया पहला रिएक्शन! जानें क्या कुछ कहा

India News (इंडिया न्यूज), Sambhal Masjid Update: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा…

25 minutes ago

IND vs AUS 1st Test: शर्मनाक! भारतीय टीम की फिसड्डी बल्लेबाजी, कंगारुओं के सामने 150 पर टेके घुटने, इन धुरंधरो की खली कमी

IND vs AUS 1st Test: भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शर्मनाक बल्लेबाजी की है।…

34 minutes ago

Delhi Election Campaign Launch: अरविंद केजरीवाल ने लॉन्च किया चुनावी कैंपेन, कहा- ‘हम फ्री में दे रहे हैं…’

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Election Campaign Launch: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल…

40 minutes ago

भरी महफिल में Rahul Gandhi के चेहरे पर दिखा हारे हुए हरियाणा का दर्द? Video में कही ऐसी बात…गूंजने लगे ठहाके

Rahul Gandhi: जब राहुल गांधी से प्रेस वार्ता के दौरान हरियाणा हार को लेकर सवाल…

47 minutes ago