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Knesset: “नेसेट में व्यापक समझौता के बाद भी बात जारी”: इज़राइल न्यायिक सुधारों पर व्हाइट हाउस का बयान

India News (इंडिया न्यूज़), Knesset: इजरायल के नेसेट में ध्रुवीकरण करने वाले “तर्कसंगतता” बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए व्हाइट हाउस की तरफ से एक बड़ी बात कही गयी है। जिसमे “सबसे कम संभव बहुमत” को “दुर्भाग्यपूर्ण” कहा गया कि लोकतंत्र में बड़े बदलावों को स्थायी बनाने के लिए यथासंभव व्यापक सहमति होनी जरुरी है। साथ ही इसमे कहा गया कि, अमेरिकी, राष्ट्रपति हर्ज़ोग और अन्य इजरायली नेताओं के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा क्योंकि वे राजनीतिक बातचीत के माध्यम से व्यापक सहमति बनाना चाहते हैं।

नेसेट में व्यापक समझौता के बाद भी बात जारी

ANI से मिली जानकारी के अनुसार व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया कि, इज़राइल के आजीवन मित्र के रूप में, राष्ट्रपति बिडेन ने सार्वजनिक और निजी तौर पर अपने विचार व्यक्त किए हैं कि लोकतंत्र में बड़े बदलावों को स्थायी बनाने के लिए यथासंभव व्यापक सहमति होनी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज सबसे कम बहुमत के साथ मतदान हुआ। हम समझते हैं कि नेसेट के अवकाश पर होने के बावजूद व्यापक समझौता करने के लिए बातचीत जारी है और आने वाले हफ्तों और महीनों में भी जारी रहने की संभावना है। संयुक्त राज्य अमेरिका राष्ट्रपति हर्ज़ोग और अन्य इज़राइली नेताओं के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा क्योंकि वे राजनीतिक बातचीत के माध्यम से व्यापक सहमति बनाना चाहते हैं।

संसद में विधेयक को 64-9 के वोट से पारित किया गया

इस मामले को लेकर सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार कहा गया कि, छह महीने के विरोध के बावजूद, नेसेट द्वारा “तर्कसंगतता” विधेयक पारित करने के बाद यह सामने आया है – जो देश की स्थापना के बाद से न्यायपालिका को कमजोर करने की सरकार की योजना का पहला बड़ा कानून है। इज़राइल की संसद में विधेयक को 64-9 के वोट से पारित किया गया, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया। सीएनएन के मुताबिक, जब रोल कॉल वोट हो रहा था तब विपक्ष के सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए।

इजरायल के लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा

बता दें कि रविवार को नेताओं ने इस पर मैराथन बहस शुरू की जो अगली सुबह तक चली। ओवरहाल ने देश को विभाजित कर दिया है, हजारों लोग सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। न्यायिक ओवरहाल बिलों का एक पैकेज है जिसके लिए नेसेट में तीन वोटों को पारित करने की आवश्यकता होती है। नेतन्याहू और उनके समर्थकों ने कहा है कि न्यायिक बदलाव का मतलब सरकार की शाखाओं के बीच शक्तियों का पुनर्संतुलन करना है। इस बीच, आलोचकों ने कहा कि यह इजरायल के लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा है।

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Himanshu Pandey

इंडिया न्यूज में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर काम कर रहा हूं। ऑफबीट सेक्शन के तहत काम करते हुए देश-दुनिया में हो रही ट्रेंडिंग खबरों से लोगों को रुबरु करवाना ही मेरा मकसद है। जिससे आप खुद को सोशल मीडिया की दुनिया से कटा हुआ ना महसूस करें ।

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