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Tech News: 30 जून तक दिल्ली एम्स में यूज कर सकेंगे 5जी नेटवर्क, अभी एम्स के ज्यादातर इलाकों में सीमित 3जी/4जी डेटा कनेक्टिविटी 

Gaurav Kumar • LAST UPDATED : March 19, 2023, 7:38 pm IST

टेक डेस्क/नई दिल्ली (Tech News: Presently the institute has many dark spots with zero to very poor mobile connectivity): देश में 5जी को आए 5 महीना हो चुका है जिसकी शुरुआत दिल्ली से ही हुई थी लेकिन अभी तक देश के सबसे बड़े अस्पातालों में से एक दिल्ली एम्स मेंर 5जी सेवा पूरी तरीके से काम नहीं करती। इसी समस्या का सामाधान करने के लिए एम्स ने फैसला किया है कि 30 जून तक 5जी नेटवर्क से एम्स को लैस किया जाएगा।

  • इसलिए लिया गया फैसला
  • एम्स अन्य अस्पतालों की कर पाएगा मदद
  • दिल्ली एम्स में अभी कई जगह लो कनेक्टिविटी 

इसलिए लिया गया फैसला

एम्स के अधिकारियों ने कहा कि मरीज की देखभाल, शिक्षण, अनुसंधान और सुशासन के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग करने के लिए एम्स ने 5जी नेटवर्क से लैस करने का फैसला किया है। 5जी के कामों में तेजी लाने के लिए एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम श्रीनिवास के ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया कि 5जी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है।

श्रीनिवास ने कहा कि मौजूदा समय के अनुसार, रोगी देखभाल, शिक्षण, अनुसंधान, सुशासन और एकीकृत चिकित्सा, इत्यादि के लिए आधुनिक संचार प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग को सक्षम करना और पूरे एम्स, नई दिल्ली के इमारतों के अंदर मजबूत मोबाइल और डेटा कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए कैंपस में 5G मोबाइल नेटवर्क की अच्छी ताकत होना जरूरी है।

एम्स अन्य अस्पतालों की कर पाएगा मदद

अधिकारियों के मुताबिक मजबूत 5जी कनेक्टिविटी से एम्स नई दिल्ली को एनसीआई झज्जर जैसे अपने मुख्य और आउटरीच परिसरों में दुर्घटना और ईआईसीयू समाधानों के कार्यान्वयन में भी मदद करेगी, जो सिनियर संकाय को ऑफ-ड्यूटी घंटों, छुट्टियों आदि के दौरान अपनी विशेषज्ञ सलाह प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।

दिल्ली एम्स में अभी कई जगह लो कनेक्टिविटी

प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि एम्स में हर दिन करीब 50,000 लोग आते हैं जिसके कारण अच्छी मोबाइल कनेक्टिविटी जरूरी है। अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में संस्थान में शून्य से बहुत खराब मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ कई डार्क स्पॉट हैं जो रोगियों, कर्मचारियों और आगंतुकों को समान रूप से बहुत परेशानी का कारण हैं। साथ ही, अधिकांश क्षेत्रों में बहुत सीमित 3G/4G डेटा कनेक्टिविटी है। अधिकारियों ने कहा कि संस्थान की इमारतों के अंदर 5G कनेक्टिविटी लगभग शून्य है।

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