टेक डेस्क/नई दिल्ली (Tech News: The Digital India Act will address the challenges of the present times): नए भारत की नई जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार एक नया अधिनियम लाने जा रही है जिसका नाम डिजिटल इंडिया एक्ट (डीआईए) होगा। सरकार ने इस प्रस्तावित डिजिटल इंडिया एक्ट या अधिनियम (डीआईए) से संबंधित विभिन्न उद्योग और नीति हितधारकों के साथ अपनी पहली सार्वजनिक परामर्श बैठक आयोजित की है।
- मौजूदा आईटी एक्ट होगा खत्म
- इस कारण से हटाया जा रहा है आईटी एक्ट
मौजूदा आईटी एक्ट होगा खत्म
देश में अभी साल 2000 में बनी आईटी एक्ट लागू है लेकिन भारत सरकार इस आईटी एक्ट को नए प्रस्तावित डिजिटल इंडिया अधिनियम के साथ बदलने वाली है। आईटी एक्ट इंटरनेट के शुरुआती दिनों में बनाया गया था। हर सिक्के के दो पहलूओं की तरह इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी ने नागरिकों को सशक्त बनाया है लेकिन साथ ही साथ यूजर्स को सुरक्षा, महिला और बाल सुरक्षा, संगठित सूचना युद्ध, कट्टरता और अभद्र भाषा का प्रसार, गलत सूचना और फेक न्यूज, अनुचित व्यापार व्यवहार जैसी चुनौतियां भी पैदा की हैं। सरकार ड्राफ्ट बिल पेश करने से पहले अन्य देशों में इंटरनेट और प्रौद्योगिकी से संबंधित सभी प्रासंगिक वैश्विक कानूनों का तुलनात्मक अध्ययन करेगी।
इस कारण से हटाया जा रहा है आईटी एक्ट
बढ़ती चुनौतियों के कारण इस एक्ट को हटाया जा रहा है। मौजूदा अधिनियम में उपयोगकर्ता के अधिकारों, विश्वास और सुरक्षा पर व्यापक प्रावधानों की कमी हैं। इसके अलावा साइबर अपराधों के नए रूपों की सीमित पहचान, हानिकारक और अवैध सामग्री के लिए नियामक दृष्टिकोणों की कमी के साथ-साथ दूसरों के बीच डेटा/गोपनीयता सुरक्षा के लिए पर्याप्त सिद्धांतों की भी कमी है।
केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि नया कानून, नियमों के माध्यम से विकसित होना चाहिए जिसे अपडेट किया जा सके और डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों जैसे ओपन इंटरनेट, ऑनलाइन सुरक्षा और विश्वास, जवाबदेही और सेवा की गुणवत्ता, न्यायिक तंत्र और नई प्रौद्योगिकियां को संबोधित कर सके।
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