India News (इंडिया न्यूज़), Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie Review, दिल्ली: काफी लंबे समय से सलमान खान की फिल्म का इंतजार हो रहा था और इस साल यह इंतजार खत्म हो गया है। जिसमें 21 अप्रैल को सलमान खान की फिल्म किसी का भाई किसी की जान के रिलीज होने के साथ ही फिल्म को लेकर अब बातें शुरू हो गई हैं। बता दे की यह फिल्म एक फैमिली एंटरटेनमेंट फिल्म है। वहीं सलमान का मकसद हमेशा अपनी फिल्मों से ऐसा रहता है कि वह लोगों को अपने परिवार के पास ला सके और इसी के साथ उन्होंने अपनी नई फिल्म किसी किसी की जान को रिलीज किया हैं।
किसी का भाई किसी की जान की कहानी एक शख्स के बारे में है। जिसका कोई नाम नहीं है। उसके सभी भाई उसे बचपन से भाई बुलाते थे। उसके बाद धीरे-धीरे समय के साथ उसे भाईजान बोलाया जाने लगा। भाईजान दिल्ली की एक बस्ती में रहने वाला व्यक्ति है। उनके साथ उनके भाई रहते हैं। जिनका नाम लव, इश्क और मोह है। भाई की लाइफ का मतलब बस इन्हीं तीन चीजों से शुरू होता है इसलिए उन्होंने अपने भाईयों का नाम ऐसा रखा हैं।
फिल्म में दिखाई गई बस्ती भी बॉलीवुड की टिपिकल मोहल्ले जैसी है। जिसमें 4 दुकानें और दो घर है। वही इस मोहल्ले में बेनाम और मजेदार पड़ोसी भी रहते हैं लेकिन इस बस्ती पर एक एमएलए की नजर पड़ चुकी है। जो जमीन को हत्याकर अपना फायदा करना चाहता है। भाईजान फिल्म के अंदर अपने भाइयों के साथ इस बस्ती का भी ख्याल रखते हैं। ऐसे में एमएलए को भाईजान ही रुकेंगे क्योंकि फिल्म में वह सिर्फ भाईजान ही नहीं बल्कि काफी शक्तिशाली इंसान भी है। वह अपने एक हाथ से गाड़ी को उठाकर सीधा कर देते हैं और गुंडों की पिटाई करने से पहले ही उन्हें फ्यूचर दिखा देते हैं। भाईजान को किसी का भी डर नहीं है बल्कि वह तो दूसरों में खौफ पैदा करते हैं। तभी तो गुंडों को मारने से पहले ही कहते हैं कि “क्यों अपने बूढ़े मां बाप को अपनी अर्थी उठाने पर मजबूर कर रहे हो”
फिल्म में दिखाया गया है कि भाईजान ने अभी तक शादी नहीं की है। इस चक्कर में उनके सभी भाई कुंवारे बैठे हैं। सबकी अपनी अपनी गर्लफ्रेंड है लेकिन घर बसाने के लिए भाईजान को दिल की बात बताने से वह सभी डरते हैं लेकिन सभी भाई मिलकर भगवान से दुआ मांगते हैं कि उनकी भाई की शादी हो जाए और तुरंत उनकी बस्ती में भाग्य उर्फ भाग्यलक्ष्मी उर्फ बैगी यानी की पूजा एंट्री कर लेती है। फिल्म के अंदर भाग्य और भाईजान धीरे-धीरे एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं। उसके बाद फिल्म के अंदर एक समय आता है। जब भाग्य भाईजान को अपने अन्ना यानी कि भाई से मिलवाने जाती है, यहां से कहानी में ट्विस्ट आता हैं।
भाग्य के अन्ना बालाकृष्णा गुंडामानेनी के पीछे एक गैंगस्टर पड़ा हुआ है। इसके गैंगस्टर की बिग स्टोरी आप ना ही जाना तो बेहतर है। चलिए आपको लॉग स्टोरी शॉर्ट में समझाते हैं क्योंकि फिल्म में अब भाग्य की फैमिली भाई की फैमिली है, इसलिए वह गैंगस्टर से पंगा लेने के लिए तैयार हो जाते हैं।
इस कहानी में बहुत सारे ट्विस्ट एंड टर्न्स आते हैं। डायलॉग के ऊपर डायलॉग मारे जाते हैं। जिसमें से अभी तक का सबसे फेवरेट डायलॉग “सही का हो सही, गलत का गलत”, “दुआओं में है बड़ा”, “वंदे मातरम” यह डायलॉग फिल्म में अभी तक की फेवरेट डायलॉग में से एक है और वंदे भाईजान की डायलॉग में वंदे मातरम हमेशा आसपास खड़े लोग बोलते हैं।
इसके साथ ही बता दे कि अपनी पुरानी फिल्मों के रेफेरेंस भी सलमान खान किसी का भाई किसी की जान फिल्म में दे रहे हैं। उन्होंने मैंने प्यार फिल्म में अपने पहले प्यार के वादे और उसूल भी याद दिलाएं।
फिल्म के अंदर भाग्य भाईजान को हिंसावादी मानती है लेकिन जब भाईजान गुड्डू को मार मारकर उनकी जान लेते हैं। तब उसे पता चलता है कि भाईजान बिल्कुल अलग है बल्कि उनके भाई लव, इश्क और मोह भी हाथापाई में सबसे ज्यादा आगे है। नॉनवॉयलेंस भाई की बहन भाग्य के होश उड़ जाते हैं। उसे पता चलता है कि यह आदमी कुछ भी कर सकता है। एक हाथ से जीप उठाना, भारी-भरकम डंबल से दूसरों का सर फोड़ना उसके लिए आम बात हैं।
फिल्म का फर्स्ट हाफ ठीक-ठाक है लेकिन लोगों को जोड़कर रखने की शक्ति फिल्म के अंदर नहीं है। फिल्म के शुरुआती भाग में ही 1 घंटे के अंदर ढेरों गाने आ जाते हैं। इसी बीच सिर्फ भाग्य और भाईजान का रोमांस दिखाई देता है जो सहन कर पाना काफी मुश्किल है। फिल्म की कहानी अगले हाफ में भाग्य के घर हैदराबाद शिफ्ट हो जाती है। तो कहानी में साउथ इंडियन टच आ जाता है। इसी दौरान आपको यातम्मा और बठुकम्मा जैसे गाने भी सुनने को मिलेंगे। फिल्म सेकंड हाफ में स्लो हो जाती है। वही फिल्म का असली टि्वस्ट अब जा कर आता है लेकिन फिल्म की कहानी इतनी स्लो है कि एक्शन सींस के दौरान भी आप घर जाकर सोने के बारे में सोचेंगे। वही खबरों के मुताबिक पता चला है कि थिएटर में कई लोग इसके सेकंड हाफ में उपासना ले रहे थे।
फिल्म के विलन की बात करें तो नागेश्वर जो जगपति बाबू है। उनकी बैकस्टोरी काफी नॉर्मल है पर फिल्म में अपनी हरकतों से भी भाईजान की आंखों से आंसू जरूर निकाल देते हैं। एक सीन में तो वह गेम्स ऑफ थ्रोंस के आर्या स्टार्क बनकर आते हैं और बिल्कुल उसी स्टाइल में भाईजान को चाकू मारने लगते हैं। फिल्म की कहानी तो कुछ खास नहीं है लेकिन एक्शन सींस में काफी दम है लेकिन फिल्म की धीमी रफ्तार के एक्शन सीन के असर को कम कर रही है। इसके साथ है फिल्म के अंदर काफी बेवकूफी भरी चीजें आपको देखने को मिलेंगी। जैसे गोलियों की बौछार के बीच किरदारों का उन्हीं के सामने भागना, भाईजान और एमएलए का एक दूसरे से दूर खड़े होने के बावजूद एक दूसरे को चैलेंज करना।
वही फिल्म के गाने आप पहले ही सुन चुके हैं। इसकी कहानी जो ट्रेलर की जरिए दिखाई गई थी। बिल्कुल वही कहानी फिल्म में भी है। फिल्म के अंदर आपको कुछ फनी पारेट देखने को मिलेंगे। जिन्हें देखिए आपको हंसी आएगी ही आएगी लेकिन उसके आगे फिल्म में आपको कुछ खास नहीं लगेगी।
अगर एक्टर्स की एक्टिंग के बारे में बात करें तो सलमान खान का वही पुराना स्वैग वापस आपको देखने को मिलेगा। इस फिल्म में आपको एक इमोशनल भाईजान भी देखने को मिलेंगे। वही बता दे सलमान के भाईयों के किरदार में सिद्धार्थ, राघव और जस्सी गिल ठीक-ठाक प्रदर्शन कर रहे हैं। फिल्म के अंदर हीरोइन पूजा के काम को ज्यादा पसंद नहीं किया गया है। पलक तिवारी ने फिल्म के अंदर काफी अच्छा अभिनय किया है। इसके अलावा फिल्म में शहनाज और विनाली भटनागर भी कुछ खास काम नहीं कर रही है। अगर छोटे कैरेक्टर की बारे में बात करें तो रोहिणी ने अपने छोटे से रोल में ही कमाल कर दिखाया है। जसपीत बाबू और वेंकटेश की परफॉर्मेंस को भी काफी पसंद किया जा रहा हैं।
इस फिल्म को डायरेक्टर फरहाद समाजी ने डायरेक्ट किया है लेकिन खबरों के मुताबिक पता चला है कि उनके डायरेक्शन की बिल्कुल भी प्रशंसा नहीं की गई है। वही सलमान खान ने 4 साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की हैं लेकिन उनकी इस फिल्म में कोई भी पंसद नहीं कर रहा है। किसी का भाई किसी की जान का थियेटर में रिलीज होना किसी आम फिल्म की तरह ही दिख रहा है। इस फिल्म को लेकर फैंस के बीच कोई खास उत्साह को महसूस किया जा रहा है। ना हीं देखने के बाद दर्शकों के दिल में किसी खुशी को महसूस किया गया हैं।
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