Top News

चंद्रमा की सतह से एक उल्कापिंड टकराने की घटना कैमरे में हुई कैद, इस वीडियो में देखें ये दुर्लभ घटना

इंडिया न्यूज़: (Meteorite Smashing into the Moon Video) क्या आपने कभी उल्कापिंड की टक्कर देखी है? एक जापानी खगोलशास्त्री ने चंद्रमा की सतह से एक उल्कापिंड के टकराने की घटना को कैमरे में कैद किया है। बता दें कि ये टक्कर चंद्रमा के अंधेरे इलाके में हुई। इसके बावजूद टक्कर के बाद सतह से उठा धूल का गुब्बार साफ नज़र आ रहा है। ऐसी घटना का वीडियो काफी दुर्लभ माना जाता है। चंद्रमा से उल्कापिंड की टक्कर 23 फरवरी को जापानी समय के अनुसार, 20:14:30 बजे हुई थी।

टक्कर के समय उल्कापिंड की रफ्तार

जानकारी के अनुसार, इस घटना को हिरात्सुका सिटी म्यूजियम के क्यूरेटर दाइची फुजी ने चंद्रमा की निगरानी के लिए सेट किए गए कैमरों से रिकॉर्ड किया था। फूजी ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये उल्कापिंड चंद्रमा के पिटिस्कस क्रेटर के थोड़ा उत्तर-पश्चिम में इदेलर एल क्रेटर के पास सतह से टकराया था। टक्कर के समय उल्कापिंड की औसत रफ्तार 30,000 मील प्रति घंटे (48,280 किलोमीटर प्रति घंटे) या 8.3 मील प्रति सेकंड (13.4 किमी/सेकंड) थी।

फूजी ने बताया कि चंद्रमा की सतह से टकराने वाले उल्कापिंड इतनी तेज गति से चंद्रमा की तरफ बढ़ते हैं कि उनसे पैदा हुई गर्मी और रफ्तार से सतह पर एक नया क्रेटर बन जाता है। इसके साथ ही टक्कर से पैदा हुई गर्मी से एक शानदार चमक भी दिखाई देती है।

पृथ्वी से देखे जा सकते हैं बड़े उल्कापिंडों की टक्कर

आपको बता दें कि बड़े उल्कापिंडों के चंद्रमा की सतह से टक्कर को पृथ्वी से भी देखा जा सकता है। कृष्ण पक्ष के दौरान ऐसे उल्कापिंडों की टक्कर से पैदा हुई रोशनी दूर से नज़र आ जाती है। इस घटना के बारे में फ़ूजी ने बताया कि नया बनाया गया गड्ढा लगभग 39 फीट व्यास का हो सकता है। इस गड्डे की फोटोज़ को नासा के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर या भारत के चंद्रयान-2 लूनर प्रोब के जरिए ली जा सकती हैं।

इस वजह से चंद्रमा पर गिरते हैं उल्कापिंड

बताया जाता है कि पृथ्वी से भी आए दिन उल्कापिंडों की टक्कर होती रहती है। इनमें से ज्यादातर वायुमंडल के संपर्क में आने पर पूरी तरह से जल जाते हैं। इसका मतलब ये है कि जो उल्कापिंड पृथ्वी की सतह तक पहुंचने से पहले ही वायुमंडल में जलकर खत्म हो जाते हैं, वो चंद्रमा की सतह तक आसानी से पहुंच जाते हैं। इनकी संख्या इतनी ज्यादा होती है कि चंद्रमा की सतह पर बने पुराने क्रेटर खत्म हो जाते हैं और उनकी जगह नए का निर्माण हो जाता है।

Nishika Shrivastava

Recent Posts

रद्द होंगे UP के उपचुनाव? अखिलेश के चाचा ने बंदूक कांड पर मचाया बवाल, हार का डर या कुछ और

पोस्ट में रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को टैग करते हुए मांग की है कि…

30 minutes ago

इटावा रेलवे स्टेशन पर NDRF और रेलवे का संयुक्त मॉक ड्रिल संपन्न, जानें डिटेल में

India News (इंडिया न्यूज), Itawa News: 22 नवंबर 2024 को प्रयागराज मंडल के इटावा रेलवे…

31 minutes ago

गया में मतगणना कल, तैयारियों का डीएम ने लिया पूरा जायजा

India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार के गया जिले की इमामगंज और बेलागंज विधानसभा…

51 minutes ago

Delhi Jal Board: यमुना प्रदूषण पर एनजीटी की सख्ती, दिल्ली जल बोर्ड और नगर निगम पर 50 करोड़ का जुर्माना

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Jal Board: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना नदी के प्रदूषण को…

53 minutes ago

चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप

Forgiveness From Shanidev: शनि देव से माफी मांगने के लिए “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र…

54 minutes ago