इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने के लिए 2016 में किया गया नोटबंदी के ऐलान की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को नोटबंदी मामले में फैसला सुनाते हुए इस मामले में अलग-अलग लगीं 58 याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ‘नोटबंदी के फैसले में कोई गड़बड़ी नजर नहीं आती और आर्थिक फैसलों को पलटा नहीं जा सकता’। मालूम हो, 5 जजों की बेंच ने यह फैसला बहुमत के आधार पर सुनाया। इनमें से 4 जजों ने नोटबंदी के पक्ष में फैसला दिया, मगर बेंच में शामिल न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने नोटबंदी पर असहमति जताई।
सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने नोटबंदी पर यह फैसला सुनाया। इस बेंच की अध्यक्षता न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर कर रहे थे। बेंच में न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, ए.,एस बोपन्ना, वी. रामा सुब्रमण्यम और बीआर गवई थे। इनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना का फैसला नोटबंदी के विरुद्ध में रहा। जस्टिस बीवी नागरत्ना का तर्क था कि ‘नोटबंदी का प्रस्ताव सरकार की ओर से आया था। RBI की राय मांगी गई थी’ RBI अधिनियम की धारा 26 (2) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की राय को किसी भी तरह सिफारिश नहीं माना जा सकता। नागरत्ना का कहना था कि नोटबंदी अगर करनी ही थी तो इसका फैसला आरबीआई को लेना चाहिए था, न कि केंद्र सरकार को। 2016 में ऐसा नहीं किया गया इसीलिए कानूनी तौर पर नोटबंदी को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
आपको बता दें, बीवी नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रह चुके ईएस वेंकटरमैया की बेटी हैं। इनका जन्म 30 अक्टूबर 1962 को हुआ था। 1987 में उन्होंने एक अधिवक्ता के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। तकरीबन 20 साल तक वकालत करने के बाद 2008 में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट में एडीशनल जज बनाया गया। इसके दो साल बाद ही उन्हें स्थायी जज के तौर पर नियुक्त कर दिया गया। मालूम हो, 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बीवी नागरत्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया था।
जानकारी दें, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं। सीनियोरिटी के लिहाज से देखा जाए तो उन्हें 2027 में यह मौका मिल सकता है। इससे पहले जस्टिस नागरत्ना के पिता ईएस वेंकटरमैया भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। कई मंचों पर पूर्व न्यायाधीश इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि अब देश को महिला मुख्य न्यायाधीश देने का समय आ गया है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने कई मंचों पर खुलकर ये बात कही है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि देश की पहली महिजा चीफ जस्टिस बीवी नागरत्ना ही हो सकती हैं।
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