India News ( इंडिया न्यूज़ ) Germany News : क्या आप किसी ऐसे देश के बारे में सोच सकते हैं जहां के युवाओं में शराब पीने का फ़ैशन नहीं हो, या फिर वहां आपको सिगरेट या तंबाकू पीने वाले युवा बमुश्किल से मिलें। तो चलिए हम आपको बताते हैं एक देश के बारे में जहां युवाओं पर शराब का क्रेज है, पार्टी में अगर शराब नहीं मिली तो मेहमान कहते हैं कि आखिर मिला ही क्या लेकिन इन सबके बीच जर्मनी में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। जर्मनी में लोगों में खासतौर से युवाओं में शराब के प्रति क्रेज में कमी आ रही है, जर्मन सेंटर फॉर हेल्थ एजुकेशन के एक सर्वे में पाया गया कि 1995 से 2000 के बीच पैदा होने वालों ने शराब से दूरी बनाई है। जर्मनी में 12 से 25 साल के युवाओं में एक सर्वे किया गया जिससे पता चला है कि वे लोग शराब का सेवन कम कर रहे हैं।
इस तरह हुआ यह मुमकिन
बता दें, जर्मनी में 1995 से 2010 के बीच पैदा पीढ़ी को जेन जी या जूमर्स कहते हैं। वहीं 1980 से 1994 के बीच पैदा पीढ़ी को मिलेनियल कहते हैं। अच्छी बात यह है कि दोनों पीढ़ियों में शराब का सेवन कम हुआ है लेकिन मिलेनियल की तुलना में जेन जी में गिरावट आई है। अब इसके पीछे की वजह के बारे में वहां के समाजशास्त्री कहते हैं कि सोशल मीडिया पर शराब के नशे लोगों के अभद्र और अशोभनीय व्यवहार से युवाओं की सोच में अहम बदलाव आया है।
सोशल मीडिया का असर
सोशल मीडिया के ज्यादा उपयोग के चलते चुनाव आयोग को आदर्श आचार संहिता में नए नियमों को शामिल करना पड़ा। चुनाव में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए बाकायदा इंटरनेट कंपनियों के साथ चर्चा करनी पड़ी। सियासी दल बड़े पैमाने पर सोशल साइट्स की मदद से प्रचार-प्रसार करते हैं।
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