Mulayam Singh Yadav Controversies: सपा संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन 10 अक्टूबर, 2022 को हुआ है।। बता दें कि अपने लंबे सियासी सफर में तमाम संघर्षों के बीच मुलायम सिंह यादव के कई ऐसे बयान भी सामने आए, जो खासे चर्चा में रहें थे। उन पर विवाद हुआ और विरोधियों ने उसके आधार पर मुलायम को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
आपको बता दें कि ये मुलायम का सर्वाधिक चर्चित बयान रहा था, जब उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए अयोध्या के रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद के विवादित परिसर की सुरक्षा का दावा करते हुए दिया था। उन्होंने कहा था कि अयोध्या की इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था है, वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता। उस वक्त भगवा खेमे ने इस बयान को चुनौती के रूप में लिया और दावा किया गया था कि 6 दिसंबर की घटना होने में कार-सेवकों को उद्देलित करने में इस बयान ने भी भूमिका निभाई।
वहीं 30 अक्तूबर, 1990 को मुलायम ने मुख्यमंत्री रहते अयोध्या में कार-सेवकों पर गोली चलवाने का आदेश दिया था। इसमें कईं कार-सेवकों की मृत्यु हो गई थी। देश भर में इसकी बेहद चर्चा हुई। बरसो बाद मुलायम ने साल 2013 में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें गोली चलवाने का अफसोस है लेकिन उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री के कर्तव्य का पालन किया था।
बलात्कार के मामले के संदर्भ में मुलायम ने कहा था कि ऐसे में मामलो में फांसी की सजा देना ठीक नहीं है। लड़के हैं, लड़कों से गलती हो जाती है। एक अन्य मौके पर मुलायम ने ये भी कहा था कि एक स्त्री के साथ चार युवक दुष्कर्म नहीं कर सकते। उनके इन बयान की खासी आलोचना भी हुई। विपक्षी दलों ने उन्हें खूब आड़े हाथो लिया।
बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के मुख्यमंत्रित्वकाल में मुलायम सिंह यादव ने अपनी ही पार्टी के कुछ क्षत्रपों पर निशाना साधते हुए कहा था कि पार्टी में कुछ लोग गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं, जो अच्छी बात नहीं है। एक मौके पर मुलायम ने ये भी कहा था कि उनकी न कोई सुनता है न कोई सम्मान करता है।
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