इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि अगले पांच सालों में बारह से चौदह चीतों को अप्रीका से स्थानांतरित किया जाएगा। इसके के लिए सरकार ने सरकार ने नामीबिया गणराज्य की सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। आपकों बता दें सितंबर में नामीबिया से 8 चीते विशेष विमान से भारत लाया गया था। इन आठ चीतों में पांच मादा और तीन नर चीते थे.सभी आठों को सुरक्षित रूप से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के जंगलों में छोड़ दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रोजेक्ट टाइगर के लिए सरकार ने 38.7 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। यह परियोजना 2025-2026 तक चलेगी।उन्होंने कहा, 29.47 करोड़ प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण से, जो परिचय, प्रबंधन और रखरखाव को कवर करेगा।
आठों चीते भारत के वातावरण में ढले
चौबे ने यह भी कहा कि कूनो में आठ चीते बिल्कुल सही स्थिति में हैं और उनकी चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने नए घरों के अनुकूल हों। कूनो के फील्ड निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा सिंतबर में लाए गए चीतों में तीन महिलाएं भी थी। जो पिछले महीने बड़े बाड़े में शामिल हुईं है। अब वो जंगल का पता लगाएंगे। साथ ही अपना पेट भरने के लिए शिकार को मारेंगे।
रिज़ॉल्यूशन कैमरों से रखी जाएगी नज़र
उन्होंने आगे कहा ‘चार उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरों द्वारा चीतों पर नज़र रखी जाएगी और 16 वन रक्षकों की एक टीम उनकी निगरानी करेगी। जानवरों की सुरक्षा के लिए एक स्निफर डॉग भी लगाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार सबसे बड़ी चुनौती जंगल में उनकी रिहाई के बाद होगी, जिसमें एक नए निवास स्थान में रहना सीखना और नए शिकार का शिकार करना सीखना शामिल है, साथ ही क्षेत्र में घूमने वाले 45 तेंदुओं और एक बाघ से निपटना भी शामिल है।’
70 साल बाद नामीबिया से भारत में आए थे चीते
जानकारी दें, नामीबिया से 8 चीतों को विशेष चार्टर्ड उड़ान की मदद से मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर लाया गया था। इसके बाद ग्लावियर एयरपोर्ट पर हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया था। देश में करीब सात दशक बाद के चीते आए थे।