इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : ज्ञात हो, साल 1993 में नासा स्पेस एजेंसी ने भारत के रामेश्वरम और श्रीलंका के मन्नार द्वीप के बीच एक चूने की चट्टानों की श्रंखला के चित्र प्रदर्शित किए थे। इसे नासा ने मानव निर्मित पुल बताया था। इसे भारत में रामसेतु और दुनिया भर में एडम्स ब्रिज कहा जाता है। इस पर अब संसद में बहस शुरू हो गयी है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हरियाणा से निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि रामसेतु के पुख्ता सबूत नहीं हैं। शिवसेना के ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जोरदार हमला किया।

जितेंद्र सिंह ने कहा है, ‘रामसेतु पर कुछ कहने जाएं तो इसमें हमारी कुछ सीमाएं हैं। यह करीब 18 हजार साल पुराने इतिहास को खंगालने की बात है। इस पुल की लंबाई 56 किलोमीटर है। यहां के अवशेष एक तरह की श्रंखला में तो दिखाई देते हैं लेकिन इसके रामसेतु होने के पुख्ता तौर पर सबूत नहीं हैं।’

संजय राउत ने बीजेपी पर साधा निशाना

इस पर आज (शनिवार, 24 दिसंबर) मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, ‘बीजेपी ने रामसेतु का प्रचार तो खूब किया था। अब इसके अस्तित्व से इनकार कर रहे हैं। भविष्य में रामायण को बता देंगे कि यह किंवदंती है। श्रीराम के अस्तित्व से इनकार कर देंगे।’

सीएम शिंदे को भी घेरा

इसके अलावा संजय राउत ने कथित नागपुर NIT जमीन घोटाले में सीएम एकनाथ शिंदे के घिरने पर कहा कि यह तो अभी शिंदे-फडणवीस सरकार के भ्रष्टाचार की बोहनी है। 110 करोड़ रुपए को पसंदीदा बिल्डरों में बांटा गया है। गरीबों को घर नहीं दिया गया है। सरकार का नुकसान हुआ। हमने केंद्र के कई प्रमुख लोगों को इस घोटाले की फाइलें भेजी हैं। शायद इसीलिए जवाब देने के लिए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अचानक दिल्ली आए हैं। पता नहीं, फडणवीस सीएम शिंदे को बचाने के लिए इतने उत्सुक क्यों हैं? यह पीएम मोदी के विचारधारा के साथ धोखा है।

दिशा सालियान केस में SIT के गठन पर बोले राउत

आपको बता दें, दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर रही दिशा सालियान की मौत को लेकर फिर से जांच करवाने के लिए विधानसभा में देवेंद्र फडणवीस ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया है। बता दें कि दिशा सालियन केस में आदित्य ठाकरे का नाम उछाला जा रहा है। इस पर संजय राउत ने कहा कि, ‘एसआईटी का गठन बहुत ही खास केस के लिए किया जाता है। जो केस बंद हो चुका है। उसकी जांच पूरी हो चुकी है। उस पर इस सरकार को एसआईटी गठन करने की खुजली हो रही है। यह सब कर के राज्य की मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। सबसे पहले तो एसआईटी इस खोखे सरकार के विधायकों की जांच के लिए गठित की जानी चाहिए। जिस तरह 50-50 करोड़ लेकर विधायक तोड़े गए और सरकार बनाई गई, उस पर एसआईटी गठित करने की सबसे अधिक आवश्यकता है।’