इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : गुजरात विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है.। इस बार बीजेपी अपना किला बचाने के लिए यहां अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सभी लंबे वक्त से गुजरात चुनाव में लम्बे समय से प्रचार कर रहे हैं। इस बार पार्टी के सामने दो दलों की चुनौती है। एक तरफ कांग्रेस 27 वर्षों बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद लगा रही है तो वही दिल्ली औऱ पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी भी यहां ताल ठोक रही है। अहम बात यह है कि बार गुजरात की राजनीति से तीन नेता गायब हैं जो कि पिछले चुनाव में बीजेपी की नाक में दम कर चुके थे और पार्टी की सीटें तक कम करवा दी थीं।
आपको बता दें, कांग्रेस विधानसभा चुनाव को लेकर अब सक्रिय हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी सभी प्रचार में जुटे हैं लेकिन राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे हैं कि इस बार पार्टी उदासीनता दिखा रही है। इसकी एक अहम वजह यह है कि इस बार बीजेपी के सामने कांग्रेस के पास कोई स्थानीय स्तर का बड़ा नेता नहीं है। पिछले चुनावों के दौरान पाटीदार हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना दिया था और बीजेपी 99 सीटों में ही सिमट कर रह गई थी।
हार्दिक पटेल अब बीजेपी के खेमे में
जानकारी हो, गुजरात में पाटीदार समाज की भागीदारी बीजेपी के लिए हमेशा ही अहम रही है और पिछले चुनाव के दौरान पाटीदार आंदोलन के जनक युवा नेता हार्दिक पटेल ने बीजेपी के खिलाफ जनता में हवा बना दी थी। बाद में वे कांग्रेस में भी शामिल हो गए थे, जिसके चलते बीजेपी को पाटीदार समाज का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाना पड़ा था। हालांकि पार्टी को हार मिली लेकिन उन्हें गुजरात में कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष तक बनाया गया था लेकिन उनका पार्टी से काफी टकराव था और वे फिर जून 2022 में बीजेपी में शामिल हो गए थे और अब वे बीजेपी के लिए प्रचार भी कर रहे हैं।
कांग्रेस से मोहभंग होने पर अल्पेश भी छोड़ चुके है कांग्रेस का दामन
आपको बता दें, अल्पेश ठाकोर भी हार्दिक के साथ शामिल थे कांग्रेस ने उन्हें साल 2017 के चुनाव में टिकट भी दिया था। अल्पेश बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ जीते भी थे लेकिन पार्टी में ज्यादा महत्व न मिलने और स्थिति खराब होने के चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजेपी के टिकट पर 2019 के विधानसभा का उपचुनाव हार गए थे हालांकि वे बीजेपी में ही रहे। आपको बता दें, इस बार फिर बीजेपी ने उन्हें राधनपुर सीट से चुनाव में उतारा है और उनकी दावेदारी कांग्रेस समेत आप प्रत्याशी के सामने कड़ी मानी जा रही है।
कांग्रेस में अब सिर्फ जिग्नेश मेवाणी
आपको बता दें, हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर के कांग्रेस छोड़ने के बाद गुजरात की राजनीति में कांग्रेस के खेमे में अकेले जिग्नेश मेवाणी ऐसे नेता बचे हैं जिन्होंने पिछले चुनावों में बीजेपी की नाक में दम किया था। ज्ञात हो, जिग्नेश गुजरात के वडगाम निर्वाचन क्षेत्र में गुजरात विधानसभा सदस्य हैं। इस चुनाव में वडगाम से ही एक बार फिर जिग्नेश मेवाणी को कांग्रेस ने टिकट दिया है। जानकारी हो, गुजरात चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने के चलते जिग्नेश के सामने कठिन राजनीतिक चुनौती भी खड़ी हो गई है।
कांग्रेस की युवा तिगड़ी ने पिछले चुनाव में बीजेपी की नाक में किया था दम
ज्ञात हो, ‘हार्दिक, जिग्नेश, और अल्पेश’ इन तीनों की मदद से पिछले चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया था और पिछले 22 सैलून के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब बीजेपी सीटों का शतक तक नहीं लगा सकी थी। जानकारी हो, पीएम मोदी ने पिछले चुनावों के दौरान रिकॉर्ड रैलियां भी की थीं, इन सबके बावजूद बीजेपी ने जैसे-तैसे सरकार बनाई थी। हालाँकि इस चुनाव में जमीनी हकीकत को देखे तो इस बार बीजेपी को आप से तो चुनौती मिल रही है लेकिन कांग्रेस की ताकत पिछली बार से कम दिख रही है।