इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : वैसे तो कांग्रेस का इतिहास रहा है कि उसके लीडर जनता के बीच चुनावों के पहले खुद को कट्टर हिंदू के रूप में सामने लाते रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ही नहीं नेहरू भी खुद को पंडित जवाहरलाल के रूप पेश करने में ही अपनी भलाई समझते थे। लेकिन 2014 के चुनावों के बाद कांग्रेस ही नहीं करीब सभी पार्टियां कुछ ज्यादा ही अपने को हिंदुत्ववादी साबित करने में जुट गई हैं। ताजा उदाहरण है, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनका हिंदू अवतार। आजकाल राहुल गांधी रुद्राक्ष का माला गले में पहले मंदिरों में भटक रहे हैं। फिलहाल 1 दिसंबर को गुजरात में पहले चरण की वोटिंग है। तो क्या यह मान लें कि राहुल का यह अवतार उन्हें गुजरात में कुछ लाभ दिला सकता है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित भगवान शिव के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में लाल धोती पहने मंदिर के पुजारियों के मार्गदर्शन में सभी अनुष्ठान किए। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें एक अंगवस्त्रम् भेंट किया। अनुष्ठान करने के बाद, राहुल गांधी ने मंदिर के गर्भगृह के सामने दंडवत प्रणाम किया। इतना ही नहीं वह मंदिर परिसर में नंदी की मूर्ति के पास भी कुछ देर बैठे। इसके पहले 23 नवंबर को मध्य प्रदेश राज्य में प्रवेश करने के बाद गांधी ने राज्य में भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन-पूजन किया था। उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपने परिवार के साथ शुक्रवार को खंडवा जिले के प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर में ‘मां नर्मदा’ की आरती की थी।
गुजरात की पॉलिटिक्स में हिंदुत्व ऑक्सीजन
जानकारी दें, गुजरात में पहले चरण के चुनाव में दो दिन बचे हैं। वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी पूरी तरह से कट्टर हिंदुत्व कार्ड चल रही है। इससे समझ सकते हैं कि गुजरात में हिंदुत्व कार्ड के मायने क्या हैं। रविवार को खेड़ा में रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे दल आतंकवाद पर चुप्पी साधते हैं ताकि उनके वोट बैंक को ठेस न पहुंचे। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने खेड़ा रैली के दौरान 2008 मुंबई आतंकी हमला, बाटला हाउस एनकाउंटर, अहमदाबाद और सूरत सीरियल ब्लास्ट का भी जिक्र किया।
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, अयोध्या में राम मंदिर और समान नागरिक संहिता लागू करने का आह्वान किया था। वहीं शाह ने 2002 गुजरात दंगों का भी जिक्र कर कहा था कि कैसे दंगाइयों को उस वक्त सबक सिखाया गया था।
हिंदुत्व के पक्ष में वोटों का गणित
76 शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी का दबदबा एक निष्कर्ष है। इनमें से मुस्लिम बहुल सीटें भी शामिल हैं, जैसे- खड़िया-जमालपुर, दरियापुर-कालुपुर, दानिलिमदा, वेजलपुर और बापूनगर सीट। यहां मुस्लिम आबादी तकरीबन 20 फीसदी से 61 फीसदी तक रहती है। कुछ इसी तरह की स्थित सौराष्ट्र के वांकानेर- सोमनाथ- द्वारका और खंभालिया में, कच्छ के अबडासा- मांडवी और भुज, उत्तर गुजरात के वडगाम और सिद्धपुर, अहमदाबाद के ढोलका- पंचमहल के गोधरा, भरूच जिले के भरूच- वागरा और जंबुसर में, खेड़ा के मटर- मेहमदाबाद- महुधा- सूरत के लिंबायत और सूरत पूर्व में भी है।