इंडिया न्यूज: (132nd birth anniversary of Bhimrao Ambedkar) देश दुनिया के लिए आज के दिन को बेहद खास रूप से मनाया जाता हैं। क्योंकि आज के ही दिन देश के महान विद्वान, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जानें वाले व देश के संविधान निर्माता डा. भीम राव आंबेडकर का जन्म हुआ था। आज आंबेडकर की 132वीं जयंती भारत सहित पूरी दुनिया में एक उत्सव के रूप में मनाई जाएगी। आंबेडकर के इस जयंती को ‘समानता दिवस‘ और ‘ज्ञान दिवस‘ के रूप में भी मनाया जाता है। तो आइये जानते हैं बाबा भीमराव अंबेडकर से जुड़ी हुई कुछ रोचक बातें।
- सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से किया गया था सम्मानित
- कब हुई अंबेडकर जयंती मनाने की शुरुआत?
- बाबा साहब ने किया था बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन
सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से किया गया था सम्मानित
बाबासाहेब आंबेडकर ने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की चतुवर्ण प्रणाली और भारतीय समाज में सर्वव्यापित जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिता दिया। बाबासाहेब अम्बेडकर को भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। समाज में फैली जातिगत के लिए बाबा साहेब अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहे ।
कब हुई अंबेडकर जयंती मनाने की शुरुआत?
बता दें कि देश मेपहली बार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल, 1928 को पुणे में मनाई गयी थी। जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने इसकी शुरुआत की थी। जो अंबेडकर के एक प्रबल अनुयायी और सामाजिक कार्यकर्ता थे। एक त्योहार के रूप मे उन्होंने इस दिन की शुरुआत की थी। जो आज तक यह परंपरा बरकरार है।
बाबा साहब ने किया था बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन
बाबा साहेब अंबेडकर ने अछूतों और दलितों के शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इन्होंने केंद्रीय संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन किया था। साथ ही उन्होंने दलितों को पेयजल आपूर्ति और हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार दिलवाने के लिए आंदोलन किया था। स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा, बौद्ध धर्म, विज्ञानवाद, मानवतावाद, सत्य, अहिंसा आदि के विषय पर इन्होंने लड़ाई लड़ी ।
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