NDRF team on international mission for the fourth time: 2011 में जापान की ट्रिपल आपदा और 2015 में नेपाल भूकंप के बाद विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को स्थापना के बाद से चौथी बार तुर्कीए में बड़े पैमाने पर भूकंप की त्रासदी को संभालने का काम दिया गया है। यह चौथा अंतरराष्ट्रीय आपदा बचाव अभियान है जब एनडीआरएफ की टीम को भूकंप प्रभावित तुर्कीए की मदद करने का जिम्मा सौंपा गया है।
इस बार, 101 सदस्यीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के बचावकर्मी, जिनमें पांच महिला कर्मी और चार सदस्यीय कैनाइन दस्ते शामिल हैं, मंगलवार से भूकंप प्रभावित तुर्की की मदद करेंगे। एक और 51 सदस्यीय दल आज सुबह तुर्की के अदाना हवाईअड्डे पर उतरा। एनडीआरएफ के 50 अन्य सदस्यों की दूसरी टीम मंगलवार देर शाम तक अदाना हवाईअड्डे पर पहुंचेंगे।
उल्लेखनीय है कि 6 फरवरी को तुर्कीए और सीरिया में 7.8 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप आया, जिसके बाद एक-एक कर ऐसे तीन झटके महसूस किए गए। इसका परिणाम यह हुआ है कि भूकंप की इस सीरीज ने तुर्कीए और सीरिया में बड़े स्तर पर तबाही मचाई है, दोनों देशों में जान-माल का नुकसान हुआ और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अबतक हादसे में 5,000 से अधिक लोगों की जान चली गई।
2006 में गठित की गई एनडीआरएफ की टीम ने अबतक तीन अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन में अहम भूमिका निभा चुकी है। हमेशा उच्च स्तर के समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए टीम ने हर मुश्किल परिस्थियों का सामना कर लाखों लोगों को नई जीवन देने में कामयाब रही है। एनडीआरएफ टीम को पहली बार 2011 में जापान में एक अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियान के लिए भेजा गया था ताकि ट्रिपल आपदा का सामना कर रहे देश की मदद की जा सके, इसके बाद भूटान नदी बचाव किया गया। 2014 में ऑपरेशन और 2015 में नेपाल भूकंप आपदा में, एनडीआरएफ टीम ने अहम भूमिका निभाई।
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