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उद्धव गुट या शिंदे गुट आज दशहरा रैली में कौन पड़ेगा किस पर भारी

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : October 5, 2022, 2:27 pm IST

आज दशहरे के शुभ अवसर पर हम आपसे उस मुद्दे पर विस्तार से बात करने जा रहे हैं। जहां दशहरे के नाम पर महाभारत हो रहा है। जी हां बात महाराष्ट्र में शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को लेकर चल रही तनातनी की है। हालांकि इस मामले में उद्धव ठाकरे गुट को बड़ी जीत मिली । हाईकोर्ट ने ठाकरे गुट को शिवाजी पार्क में 2 अक्टूबर से 6 अक्टूबर के बीच दशहरा रैली करने की अनुमित दे दी । आज दोनो गुटों के द्वारा दशहरा रैली निकाला जाएगा। लेकिन ये रैली दो जगह होगी। उद्धव गुट की रैली शिवाजी पार्क में हो रही है। वहीं, शिंदे गुट की रैली बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के मैदान में होगी। दोनों गुट इस रैली को अपनी ताकत दिखाने के अवसर के रूप में ले रहे हैं।

कैसे मिली उद्धव गुट को शिवाजी पार्क में रैली की इजाजत

उद्धव ठाकरे गुट को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की अनुमति बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी है। शिंदे गुट ने अदालत में याचिका लगाई थी। इसमें शिंदे गुट की तरफ से शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति मांगी गई थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। अदालत में जाने से पहले दोनों गुटों ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) से शिवाजी पार्क में रैली की अनुमति मांगी थी। जिसे BMC ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर ठुकरा दिया था।

इसके बाद दोनों गुट कोर्ट पहुंचे थे। ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना ने 22 अगस्त को BMC में अपना आवेदन दिया था, जबकि शिंदे गुट ने 30 अगस्त को आवेदन किया था। 23 सितंबर को बंबई हाईकोर्ट ने ठाकरे गुट को दादर मैदान में अपना कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी। वहीं, एक हफ्ते पहले मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने शिंदे समूह को अपने आयोजन के लिए बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक मैदान का उपयोग करने की अनुमति दी थी।

शिवाजी पार्क, ठाकरे परिवार के लिए इतना अहम क्यों

1966 से हो रहा है रैली का आयोजन

दरअसल, उद्धव ठाकरे परिवार का शिवाजी पार्क से राजनीतिक और भावनात्मक जुड़ाव है। साल 1966 में अपने स्थापना के बाद से ही शिवसेना, शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन करती आ रही है। शिवसेना के संस्थापक और दिवंगत बाल ठाकरे ने अनेकों बार यहाँ से शिव सैनिकों को संबोधित किया है।

इस रैली का ही मंच था जब साल 2010 में बाल ठाकरे ने अपने पोते आदित्य ठाकरे को राजनीती में लाने कि घोषणा की थी। तब बाल ठाकरे ने आदित्य को तलवार भेंट करते हुए शिवसैनिकों से आदित्य की देखभाल करने का अनुरोध किया था।

बालासाहब की समाधि भी यही

नवंबर 2012 में जब बाल ठाकरे का देहांत हुए तब उनका अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में उसी जगह पर किया गया था, जिस जगह दशहरा रैली का मंच बनाया जाता था। मैदान के पश्चिमी दिशा में बाल ठाकरे का समारक है। इसी मैदान के पूर्व दिशा में बालासाहब कि दिवंगत पत्नी मीनाताई ठाकरे की एक प्रतिमा है, जिन्हें शिवसैनिक मां साहेब कहते हैं।

साल 2019 में जब महाविकास अगाडी कि सरकार बनीं और उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने, तो उनका शपथ ग्रहण समारोह शिवजी पार्क में ही हुआ था। इन सब कारणों कि वजह से ठाकरे परिवार के लिए ये मैदान न सिर्फ शिवसेना के इतिहास का सबसे बड़ा गवाह है, बल्कि यहां की मिट्टी से भी परिवार का भावनात्मक लगाव है।

दोनों गुटों ने जारी की वीडियो 

शिवसेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा शेयर किए गए वीडियो में उद्धव ठाकरे को बड़ी सभा को संबोधित करते हुए दिखाया गया है। इससे संकेत दिया गया है कि वो एक और विशाल दशहरा रैली के लिए तैयार हैं। शिवसेना ने समर्थकों को आमंत्रित करते हुए ट्वीट के कैप्शन में लिखा, ‘एक नेता, एक झंडा, एक मैदान… भक्तिपूर्ण शिवसैनिक… पारंपरिक ऐतिहासिक दशहरा सभा! स्थान:- छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क (शिवतीर्थ), दादर पांच अक्तूबर 2022, शाम 6.30 बजे।’

 

शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के वीडियो टीजर में बाल ठाकरे का वीडियो दिखाया गया था। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘हम न केवल कांग्रेस पार्टी के इस रावण को जलाएंगे, हम इसे दफना भी देंगे। 20 सेकंड के वीडियो में बैकग्राउंड में दिवंगत बाल ठाकरे की आवाज है। वीडियो जारी करते हुए शिंदे गुट ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति का आह्वान किया है।

 

कौन पड़ेगा किस पर भारी

बता दें कि इस साल जून में शिवसेना में एकनाथ शिंदे गुट के विद्रोह के बाद ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। महा विकास आघाड़ी गठबंधन में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल थीं। बाद में शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली । ऐसे में आज दोनों गुटों की रैलियां देखने को मिलेंगी जिसकी रैली में जितने लोग होंगे उसके हिसाब से ये अनुमान लगाया जा सकता है की आखीर शीव सैनीक किसके है। बहराल ये मामला चुनाव आयोग के पास है। ऐसे में आज की रैली इतना तो बता ही देगी कि किसमें कितना हैं दम।

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