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यूएन का बड़ा दावा, भरपेट भोजन के अभाव से जूझ रहे लाखों लोग

India News ( इंडिया न्यूज़ ) UN Report : संयुक्त राष्ट्र विकट वित्तीय संकट के कारण दुनियाभर के बहुत से देशों के लाखों लोगों के लिए खाद्य, नकदी के भुगतान और सहायता में कटौती करने के लिए मजबूर हुआ है। एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि भुखमरी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है पर विश्व निकाय की ओर से दिए जाने वाले दान में करीब आधी गिरावट देखने को मिली है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के उपकार्यकारी निदेशक कार्ल स्काऊ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन 86 देशों में WFP संचालित होता है उनमें से कम से कम 38 देशों में पहले ही कटौती देखी जा चुकी है।

अफगानिस्तान में की गई कटौती

उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह स्पष्ट है कि सहायता बजट और मानवीय बजट, दोनों ही यूरोप और अमेरिका में उस स्तर पर नहीं हैं, जहां वे वर्ष 2021-22 में थे।’ इसके पहले स्काऊ ने मार्च में कहा था कि अफगानिस्तान में भुखमरी के आपात स्तर का सामना कर रहे समुदायों के राशन में WFP को 75 से 50 फीसदी की कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसी तरह मई में 80 लाख लोगों के लिए खाद्य सहायता में कटौती करने के लिए इसे बाध्य होना पड़ा था।

कई लोगों भुखमरी से जूझना पड़ रहा है

पिछले कुछ वर्षों के दौरान 10 से 14 अरब अमेरिकी डॉलर ही प्राप्त किए हैं। स्काऊ ने कहा कि मानवीय जरूरतें वर्ष 2021 और 2022 में कोविड-19 महामारी और यूक्रेन युद्ध तथा इसके वैश्विक प्रभाव के कारण बहुत अधिक बढ़ गई थीं। साल 2024 में स्थिति को और भयावह होता देख रहे हैं।’ अधिकारी ने कहा कि आज खाद्य एवं पोषण से जुड़ा इतिहास का सबसे बड़ा संकट मौजूद है। स्काऊ ने कहा कि इस साल 34.5 करोड़ लोगों का गंभीर खाद्य असुरक्षा से जूझना जारी है जबकि करोड़ों लोगों पर भुखमरी का संकट मंडरा रहा है।

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Deepika Gupta

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