India News (इंडिया न्यूज़), VS Arunachalam: डीआरडीओ के पूर्व महानिदेशक वीएस अरुणाचलम का 87 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया है। अमेरिका में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके परिवार द्वारा बताया गया कि, बड़े दुख के साथ हम डॉ. वीएस अरुणाचलम के निधन की सूचना दे रहे हैं। कैलिफोर्निया में करीबी परिवार के बीच उन्होंने अंतिम सांसें लीं। अरुणाचलम को 2015 में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए DRDO के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

अनुसंधान प्रयोगशाला में कई पदों पर निभाई थी भूमिका

बता दें कि, उन्होंने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी), राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला और रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला में कई पदों पर जिम्मेदारी को निभाई थीं। साथ ही वह अरुणाचलम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख भी रह चुके हैं। वह 1982-92 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार की भी भूमिका को निभाया था। इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए उन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (1980), पद्म भूषण (1985) और पद्म विभूषण (1990) से सम्मानित किया जा चुका है।

एस जयशंकर ने जताया दु:ख

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रक्षा मंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस. अरुणाचलम के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। वह रक्षा, प्रौद्योगिकी और परमाणु मामलों पर कई लोगों के गुरु थे।

राजीव गांधी के साथ थे मधुर संबंध

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, राजा रमन्ना के बाद अरुणाचलम ने 1982-92 के दौरान एक दशक तक डीआरडीओ का मार्गदर्शन किया और उसे आकार दिया। उसके बाद इस पद पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रहे। डॉ. अरुणाचलम के विशेष रूप से प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ बहुत मधुर संबंध थे। वह बीएआरसी और सीएसआईआर में एक विशिष्ट करियर के बाद डीआरडीओ आए थे। उनमें अद्भुत हास्य की भावना थी।

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