इंडिया न्यूज, New Delhi News। Weather of Delhi: इस साल मानसून की वापसी दस्तक से भी ज्यादा प्रभावशाली साबित हो रही है। जाते-जाते अनुमान से भी ज्यादा बारिश देश में हो रही है। ऐसे ही देश की राजधानी दिल्ली में 2 दिन से लगातार बारिश हो रही है। इससे पहले भी कई दिन तक देश के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश के कारण भी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
वहीं मौसम विभाग से जानकारी मिली है कि इस बारिश ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 2007 के बाद से पिछले 24 घंटों में सुबह 8.30 बजे तक दूसरी सबसे ज्यादा बारिश हुई।
सुबह तक 74 एमएम हो चुकी थी बारिश
बता दें कि दिल्ली में रविवार सुबह 8.30 बजे तक 74 मिलीमीटर तक की लगातार बारिश हुई, जिससे अधिकतम तापमान 10 डिग्री कम हो गया। दिन-रात के तापमान का अंतर रिकॉर्ड स्तर पर बंद दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में लगातार दूसरे दिन लगातार बारिश से रविवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ और यह ‘संतोषजनक’ स्तर पर पहुंच गया।
तापांतर 1969 के बाद सबसे कम दर्ज
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 9 बजे दर्ज किया गया वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 था जो ‘अच्छी’ श्रेणी में आता है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को न्यूनतम तापमान (20.8 डिग्री सेल्सियस) और शनिवार को अधिकतम तापमान (23.4 डिग्री सेल्सियस) के बीच का अंतर 2.6 डिग्री सेल्सियस था, जो 1969 के बाद सबसे कम है।
आईएमडी ने बताया कि इससे पहले, इस तरह का सबसे कम अंतर 19 अक्टूबर 1998 को 3.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि सापेक्ष आर्द्रता 8.30 दर्ज की गई जो 100 प्रतिशत थी।
अलग-अलग हिस्सों में हुई इतनी बारिश…
गौरतलब है कि शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में पिछले 24 घंटों में 74.3 मिमी बारिश हुई। पालम वेधशाला ने 64.9 मिमी बारिश दर्ज की। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि लोधी रोड, रिज और आयानगर मौसम स्टेशनों में क्रमश: 87.2 मिमी, 60.1 मिमी और 85.2 मिमी बारिश हुई।
ऐसे मापी जाती है बारिश
बता दें कि 15 एमएम से कम की बारिश को ‘हल्का’ माना जाता है, साथ ही 15 एमएम और 64.5 एमएम के बीच ‘मध्यम’, 64.5 एमएम और 115.5 एमएम के बीच ‘भारी’ और 115.6 एमएम और 204.4 एमएम के बीच ‘बहुत भारी’. 204.4 एमएम से ऊपर को ‘अत्यंत भारी’ वर्षा माना जाता है।
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