इंडिया न्यूज़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ साल पहले विकलांगों के लिए दिव्यांग शब्द का सुझाव दिया था। इसके पीछे की वजह ’विकलांग’ व्यक्तियों को यह शब्द अपमानजनक लगता था। बाद में केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी कर दिव्यांग को आधिकारिक शब्द बना दिया। अब इसी तर्ज पर महाराष्ट्र के महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने अधिकारियों को विधवाओं को गंगा भागीरथी (गं.भा.) कहने का प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया है।
शिंदे सरकार ने लिया फैसला
शिंदे-फडणवीस सरकार के मंत्री मंगलप्रभात लोढा का एक पत्र वायरल हुआ है। उन्होंने 12 अप्रैल को महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव को यह पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई गतिविधियां संचालित कर रही हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से समाज के वंचित वर्गों को न्याय और प्रगति दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
महाराष्ट्र में विधवा महिलाओं को कहा जाएगा ‘गंगा भागीरथी
बता दें, मंत्री लोढा ने पत्र में कहा है कि, इसी कड़ी में पीएम मोदी ने विकलांग के बजाय ‘दिव्यांग’ की अवधारणा की घोषणा की और इससे विकलांगों को समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त हुआ है और उनके प्रति समाज के दृष्टिकोण में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। इसी तर्ज पर महाराष्ट्र में विधवा महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए विधवा के स्थान पर गंगा भागिरथी (गं.भा) शब्द का प्रयोग करने के लिए एक उत्तम प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए और उस पर चर्चा की जानी चाहिए।